December 23, 2025

अल्बर्टा की आज़ादी पर जनमत संग्रह को मिली मंज़ूरी

अल्बर्टा की आज़ादी पर जनमत...

वैंकूवर, 23 दिसम्बर : कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनाडा से अलग होकर स्वतंत्र देश बनने को लेकर प्रस्तावित जनमत संग्रह (रेफरेंडम) को वहां की चुनाव एजेंसी ने मंज़ूरी दे दी है। यह मांग कुछ महीने पहले अल्बर्टा की मुख्यमंत्री डैनियल स्मिथ द्वारा उठाई गई थी। चुनाव एजेंसी के अनुसार, जनमत संग्रह कराने से पहले मांग करने वालों को कम से कम 1 लाख 78 हजार नागरिकों के हस्ताक्षर जुटाने होंगे। इसके लिए चार महीने का समय दिया जाएगा।

यदि तय समय में पर्याप्त हस्ताक्षर पूरे हो जाते हैं, तो जनमत संग्रह की तारीख घोषित की जाएगी। मतदान के दौरान जनता से सीधा सवाल पूछा जाएगा,
क्या वे अल्बर्टा को कनाडा से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बनाने के पक्ष में हैं या नहीं?

समर्थन और विरोध—दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं

इस फैसले के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोग इसे आज़ादी की अभिव्यक्ति बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे कनाडा की एकता और अखंडता पर हमला मान रहे हैं। चुनाव एजेंसी ने बताया कि मांग प्रस्तुत करने वाले संगठन अल्बर्टा प्रॉस्पेरिटी प्रोजेक्ट के सीईओ मिच सिल्वास्ट्रे जनवरी के अंत तक एक वित्तीय अधिकारी नियुक्त करेंगे, जो हस्ताक्षर अभियान की निगरानी करेगा।

तेल-गैस संपदा और केंद्र से टकराव

अल्बर्टा प्रांत कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और खनिज संसाधनों से समृद्ध है। प्रांत सरकार और संघीय सरकार के बीच अक्सर मतभेद रहे हैं। यही कारण है कि अलगाव की मांग समय-समय पर उठती रही है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अल्बर्टा को संतुष्ट करने के लिए पर्यावरण समर्थकों के विरोध के बावजूद अल्बर्टा के तेल क्षेत्रों से वैंकूवर तट तक एक बड़ी तेल पाइपलाइन को मंज़ूरी दी है, ताकि तेल का बड़े पैमाने पर निर्यात हो सके।

क्यूबेक में पहले हो चुके हैं जनमत संग्रह

गौरतलब है कि इससे पहले कनाडा के क्यूबेक प्रांत में भी दो बार जनमत संग्रह हो चुका है, लेकिन दोनों ही बार अलगाव समर्थकों को बहुमत नहीं मिल पाया था। अब देखना होगा कि अल्बर्टा में अलगाव समर्थक आवश्यक हस्ताक्षर जुटा पाते हैं या नहीं, और क्या यह मामला वास्तव में जनमत संग्रह तक पहुंच पाता है।

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