चंडीगढ़, 4 नवम्बर : पंजाब सरकार ने पिछले कुछ समय में भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त पाँच दर्जन पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को बर्खास्त किया है, लेकिन गृह विभाग एक साल बाद भी ‘काली भेड़ों’ की सूची तैयार नहीं कर पाया है।
पिछले कुछ महीनों में केंद्रीय जाँच एजेंसी (सीबीआई), विजिलेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत विभिन्न एजेंसियों ने पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। हाल ही में रूपनगर रेंज के डीआईजी (अब निलंबित) हरचरण सिंह भुल्लर की भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तारी राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।
स्पीकर ने डीजीपी को तलब किया
पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार की गूंज 3 सितंबर, 2024 को पंजाब विधानसभा में सुनाई दी। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने खुद एएसआई बोहड़ सिंह द्वारा एक गैंगस्टर से रिश्वत लेने का मुद्दा सदन में उठाया। इसके बाद सदन में इस पर चर्चा हुई और स्पीकर को एक कमेटी बनाने का अधिकार दिया गया। स्पीकर ने डीजीपी को तलब किया। हालांकि डीजीपी सत्र के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुए, लेकिन स्पीकर ने पुलिस विभाग में ‘काली भेड़ों’ की सूची तैयार करने को कहा था।
एक साल बाद भी गृह विभाग ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की सूची तैयार नहीं कर सका। आज भी विभिन्न मामलों में अदालती मामलों का सामना कर रहे अधिकारी कई महत्वपूर्ण और पब्लिक डीलिंग पदों पर तैनात हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने दागी पुलिस अधिकारियों को किसी भी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त न करने के आदेश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि एआईजी रछपाल सिंह, एआईजी राजजीत सिंह हुंदल, डीआईजी इंद्रबीर सिंह, एआईजी आशीष कपूर, डीएसपी गुरशेर सिंह संधू, इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह, अरविंदर सिंह, महिला कांस्टेबल अमनदीप कौर आदि के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
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