चंडीगढ़, 23 अगस्त : लैंड पूलिंग नीति के बाद, सरकार के एकीकृत भवन नियमों के मसौदे का भी विरोध शुरू हो गया है। आवास एवं शहरी विकास विभाग को शुक्रवार तक लगभग 300 आपत्तियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नए नियमों पर अपना विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ एक और आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
जनहित के लिए लड़ने वाले नेताओं का कहना है कि नए नियमों से शहरी क्षेत्र का नक्शा बिगड़ जाएगा और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नए नियमों का सबसे बड़ा पहलू यह है कि रिहायशी इलाकों को व्यावसायिक हितों में बदलने, अपनी इच्छानुसार बहुमंजिला इमारतें और बेसमेंट बनाने की छूट दे दी गई है। इतना ही नहीं, एक एकड़ में विश्वविद्यालय बनाने का भी प्रस्ताव है।
एक्शन कमेटी ने नए ड्राफ्ट का विरोध किया
लुधियाना के मत्तेवाड़ा टेक्सटाइल पार्क का विरोध कर रही एक्शन कमेटी ने नए ड्राफ्ट का विरोध किया है। आपत्तियां लेकर गमाडा दफ्तर पहुंचे जसकीरत सिंह, अमितोज मान और कपिल अरोड़ा का कहना है कि नए नियमों से बड़ी समस्या पैदा होगी। उन्होंने कहा कि नए ड्राफ्ट के मुताबिक बहुमंजिला इमारतों की ऊंचाई की सीमा खत्म कर दी गई है। रिहायशी इलाकों में फार्महाउस बनाने, 40 फीट तक चौड़ी सड़कों वाले रिहायशी इलाकों में स्कूल खोलने, एक एकड़ में यूनिवर्सिटी खोलने, कॉलेज खोलने की इजाजत दी गई है।
उन्होंने कहा कि नया ड्राफ्ट विभाग के अपने नियमों, मास्टर प्लान, टाउन प्लान के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक मास्टर प्लान में बदलाव नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां एक एकड़ में फार्महाउस बनाने की इजाजत दे दी गई है।
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