October 6, 2025

ईरान पर हमले के लिए अमेरिका-इजरायल की तैयारी, किसे धोखा देगा पाकिस्तान!

ईरान पर हमले के लिए अमेरिका-इजरायल की...

वॉशिंगटन, 12 जून : हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान की सराहना करना शुरू कर दिया है, जिससे कई लोग आश्चर्यचकित हैं कि अमेरिका का यह नया रुख क्यों है। कनाडाई समाचार चैनल सीबीसी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि अमेरिकी अधिकारियों को सूचित किया गया है कि इजराइल ईरान पर हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है। यदि इजराइल ईरान पर हमला करता है, तो यह संघर्ष अत्यंत गंभीर और विनाशकारी हो सकता है। इस स्थिति के मद्देनजर, अमेरिका की पाकिस्तान के प्रति सकारात्मक टिप्पणियों को एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

ईरान के न्यूक्लियर ठिकानें टारगेट

अमेरिका इसमें इजरायल के साथ होगा। रिपोट्र्स के मुताबिक इजरायल का इस बार का हमला सीधे ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर होने वाला है। जाहिर तौर पर ईरान भी पलटवार करेगा। ईरान के पास भी खतरनाक मिसाइलों का भंडार है और अकेले इजरायल के लिए ईरान को रोकना आसान नहीं है। दूसरी तरफ अमेरिका ने इराक के बगदाद और एरबिल दूतावासों से अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है।

यूं ही नहीं बरसाया जा रहा प्यार

इस पूरे घटनाक्रम में जो सबसे रहस्यमयी और महत्वपूर्ण बात सामने आ रही है, वह है पाकिस्तान और जनरल असीम मुनीर की अमेरिका में अचानक बढ़ी रणनीतिक अहमियत। असीम मुनीर पर अमेरिका ने जैसे ही प्यार बरसाना शुरू किया, लोगों को माथा ठनका, लेकिन अब जब करीब करीब तय हो चुका है कि इजरायल, ईरान पर हमला करने वाला है, तो तस्वीरें साफ होने लगी हैं। यानि, अमेरिका को ईरान के खिलाफ पाकिस्तान की मदद चाहिए।

अमेरिका को चाहिए पाकिस्तान का साथ

पाकिस्तान और ईरान की सीमा मिलती है। ईरान का परमाणु कार्यक्रम, ईरान के तबाही मचाने वाले ड्रोन्स और उसकी बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज अमेरिका और इजरायल को परेशान कर रही हैं। ईरान के इराक, सीरिया और लेबनान और यमन में मौजूद प्रॉक्सी भी इजरायल और अमेरिका के लिए प्रत्यक्ष रणनीतिक खतरे हैं। ऐसे में पाकिस्तान, ईरान के खिलाफ अमेरिका को बहुत बड़ी मदद दे सकता है।

यही वजह है कि यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में पाकिस्तान को एक अभूतपूर्व साझेदार’ बताया है। उन्होंने आईएसआईएस-खोरासन के खिलाफ ऑपरेशन में इस्लामाबाद की भूमिका की तारीफ की है। अमेरिकी कांग्रेस की गवाही के दौरान की गई उनकी टिप्पणियों से नई दिल्ली में हलचल मची है। खासकर जब भारत ने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने के लिए वैश्विक लॉबिंग तेज कर दी है।

यह भी देखें : आई.एस.आई.-खालिस्तानी समर्थकों द्वारा कैनेडा में भारत के खिलाफ साजिश