अमेरिका, 31 अगस्त : अमेरिका में एक यहूदी वकालत समूह ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत की आलोचना करने वाले अमेरिकी अधिकारियों की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि रूस-यूक्रेन संकट के लिए भारत ज़िम्मेदार नहीं है। समूह ने अमेरिका-भारत संबंधों में सुधार का आह्वान किया है।
ट्रंप प्रशासन के अधिकारी रूस से तेल खरीदने के लिए भारत की आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि तेल से मिलने वाला पैसा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध जारी रखने में मदद कर रहा है। अमेरिकी यहूदी समिति (एजेसी) ने शुक्रवार को इस मामले पर टिप्पणी की। इससे पहले, व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन संकट को ‘मोदी का युद्ध’ करार दिया था और कहा था कि शांति का रास्ता आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर जाता है।
एजेंसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वह अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत पर किए गए मौखिक हमलों से “बेहद स्तब्ध और चिंतित” है। समूह ने नवारो की टिप्पणियों को “अपमानजनक आरोप” बताया। उसने कहा कि उसे ऊर्जा की भूख से ग्रस्त भारत की रूसी तेल पर निर्भरता पर खेद है, लेकिन भारत पुतिन के युद्ध अपराधों के लिए ज़िम्मेदार नहीं है, वह एक सहयोगी लोकतांत्रिक देश और अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है।
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