October 8, 2025

भाजपा ने खराब बाढ़ प्रबंधन पर आरोपपत्र जारी किया, सीएम मान को जिम्मेदार ठहराया

भाजपा ने खराब बाढ़ प्रबंधन पर आरोपपत्र...

चंडीगढ़, 8 अक्तूबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंजाब में आई बाढ़ के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए 16 पन्नों का आरोपपत्र जारी किया है। पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान को कम किया जा सकता था, लेकिन सरकार ने 2023 की बाढ़ से कोई सबक नहीं सीखा।

इसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ज़िम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ ईश्वर का प्रकोप नहीं, बल्कि ‘आप’ का प्रकोप है। भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद सरकार ने कोई तैयारी नहीं की।

बाढ़ के दौरान भी सरकार का दिखावा जारी

शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार ने अभी तक यह नहीं बताया है कि राज्य आपदा प्रबंधन कोष के 12,589 करोड़ रुपये कहाँ गए। क्या ये केजरीवाल की सुख-सुविधाओं पर खर्च हुए या उनके दौरों पर? उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान भी सरकार का दिखावा जारी रहा। 27 अगस्त को मुख्यमंत्री गुरदासपुर गए और दावा किया कि वे राहत कार्यों के लिए सरकारी हेलीकॉप्टर उतार रहे हैं।

28 अगस्त को हेलीकॉप्टर सिर्फ़ 70 मिनट ही उड़ा और आप विधायकों ने ज़्यादातर समय फ़ोटोशूट में बिताया। 29 अगस्त को हेलीकॉप्टर सिर्फ़ 15 मिनट उड़ा और अगले दिन चंडीगढ़ लौट आया।

भाजपा नेता ने कहा कि सरकार और उसके मंत्री अभी तक यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि फसलों के मुआवजे का आकलन कैसे किया जाए। इतने बड़े नुकसान के बावजूद, कोई ठोस कार्ययोजना सामने नहीं आई है। मुख्यमंत्री का एकमात्र उद्देश्य समाधान निकालने के बजाय केंद्र सरकार पर दोष मढ़कर स्थिति से छुटकारा पाना है।

भाजपा के आरोप

– सतलुज, ब्यास और घग्गर नदियों में 133 स्थानों की पहचान की गई थी जहां बांध को मजबूत करने की आवश्यकता थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

– बारिश 21 जून को शुरू हुई, जबकि सरकार ने बाढ़ प्रबंधन पर अपनी पहली बैठक 5 जून को की।

– मौसम विभाग लगातार भारी बारिश की चेतावनी दे रहा था। इसके बावजूद, बांध लबालब भर गए थे। चेतावनियों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया।

– अवैध खनन से मिट्टी का कटाव बढ़ा, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया। इसके अलावा, सरकार मानसून के मौसम में भी अवैध खनन रोकने में नाकाम रही।

– 24 अगस्त को रणजीत सागर बांध में 1,70,000 क्यूसेक पानी जमा हो गया था। इसे छोड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। 25 से 27 अगस्त के बीच अचानक 2,50,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया, जिससे माधोपुर के गेट टूट गए।

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