एसएएस नगर (मोहाली), 12 दिसम्बर : पंजाब सरकार ने पंजाब अपार्टमेंट और संपत्ति विनियमन अधिनियम-1995 (पीएपीआरए) में संशोधन किया है, जिसके तहत बिल्डर किसी भी परियोजना के लिए पूरी जमीन का स्वामित्व अपने नाम पर स्थानांतरित करने के बाद ही भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) के लिए आवेदन कर सकेंगे। पहले, भूमि खरीद समझौते और खरीद सहमति एवं अनुमोदन प्राप्त होने के बाद भी सीएलयू के लिए आवेदन किया जा सकता था। पंजाब सरकार ने यह निर्णय कई स्थानों पर किसानों से परियोजनाओं के लिए सीएलयू प्राप्त करने हेतु फर्जी हस्ताक्षरों और अन्य शिकायतों के बाद लिया है।
बिल्डरों में निराशा
आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव विकास गर्ग के हस्ताक्षर से एक नई अधिसूचना जारी की गई है। इस अधिसूचना के अनुसार, यह नया नियम शहरी विकास प्राधिकरण (पीयूडीए) के अंतर्गत आने वाली मोहाली, पटियाला, लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और बठिंडा की विकास प्राधिकरणों के अंतर्गत आने वाली सभी परियोजनाओं पर लागू होगा। इस निर्णय से आवास निर्माण परियोजनाओं में लगे बिल्डरों में निराशा है।
जमीन खरीदना बहुत मुश्किल हो जाएगा
बिल्डरों का तर्क है कि इस निर्णय से विकास कार्यों पर असर पड़ेगा, क्योंकि पूरी परियोजना के लिए पूरी जमीन खरीदना बहुत मुश्किल हो जाएगा। दूसरी ओर, परियोजनाओं में भूखंडों के मालिक और परियोजनाओं के अंतर्गत आने वाली जमीन के मालिक इस नए निर्णय से काफी खुश हैं। इसके अलावा, बिल्डर से वसूले जाने वाले सरचार्ज की बकाया राशि की वसूली के लिए अधिनियम में संशोधन भी किए गए हैं।
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