October 6, 2025

कनाडा की खुफिया एजेंसी ने माना उनकी जमीन पर खालिस्तान समर्थक

कनाडा की खुफिया एजेंसी ने माना...

ओटावा, 20 जून : भारत कई वर्षों से कनाडा में सक्रिय खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के बारे में चिंता जताता रहा है, लेकिन कनाडा ने इस मामले पर आंखें मूंद ली हैं। अब, इसकी प्रमुख खुफिया एजेंसी, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि खालिस्तान समर्थक चरमपंथी भारत में हिंसा भडक़ाने, उसे वित्तपोषित करने और उसकी योजना बनाने के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं।

वार्षिक रिपोर्ट में किया खुलासा

सी.एस.आई.एस. ने बुधवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कुछ प्रमुख चिंताओं और खतरों को रेखांकित किया गया है। सी.एस.आई.एस. की यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच हुई वार्ता के एक दिन बाद आई है, जिसमें दोनों नेताओं ने संबंधों को स्थिर करने के लिए कदम उठाने पर सहमति जताई और एक-दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों को बहाल करने का फैसला किया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक उग्रवाद का खतरा 1980 के दशक में मुख्य रूप से कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों के माध्यम से उभरा, जो भारतीय प्रांत पंजाब में खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना चाहते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘कुछ लोगों के एक छोटे समूह को खालिस्तान समर्थक चरमपंथी माना जाता है। कनाडा से उभरने वाले वास्तविक और कथित खालिस्तान समर्थक चरमपंथी विशेष रूप से देश में भारत की विदेशी हस्तक्षेप गतिविधियों का कारण रहे हैं।’ रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।

भारत के हित और कनाडा की सुरक्षा

सीएसआईएस की ताजा रिपोर्ट ने कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप और चरमपंथी गतिविधियों के बारे में नई चिंताएं जताई हैं, खास तौर पर भारत के साथ उसके संवेदनशील राजनयिक संबंधों के संदर्भ में। रिपोर्ट में बाहरी रूप से प्रभावित अभियानों और घरेलू चरमपंथी फंडिंग नेटवर्क दोनों की चल रही निगरानी का उल्लेख किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है, ‘इन गतिविधियों का उद्देश्य भारत के हितों के साथ प्रमुख मुद्दों पर कनाडा की स्थिति को सुरक्षित करना है, खास तौर पर इस संबंध में कि भारत सरकार खालिस्तान समर्थकों को कैसे देखती है।’

पिछली जस्टिन ट्रूडो सरकार ने 2023 में कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप लगाए थे, जिसका भारत ने दृढ़ता से खंडन किया था।

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