चंडीगढ़, 23 जुलाई : श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी पर्व को राज्य सरकार द्वारा मनाए जाने का शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा विरोध किए जाने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि क्या शताब्दी समारोह पर किसी का एकाधिकार है और किसी और को इसे मनाने का अधिकार नहीं है? उन्होंने एसजीपीसी से पूछा कि क्या आपने इस पर कॉपीराइट ले रखा है?
अध्यक्ष हरजिंदर धामी से किए तीखे सवाल
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि हम किसी के धार्मिक मामलों में दखल नहीं दे रहे हैं। जब खालसा पंथ का तीन सौवां प्रकाश पर्व मनाया गया था, तब किसकी सरकार थी? जब एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी जालंधर और लुधियाना पश्चिम सीटों के लिए प्रचार करते हैं, तो क्या वह राजनीतिक मामलों में दखल नहीं दे रहे हैं? क्या गुरु साहिब केवल उनके गुरु हैं? गुरु साहिब सभी के साझा हैं। उन्होंने कहा कि कई अन्य संगठन हैं जो इस समारोह को मनाएंगे।
धामी ने शताब्दी समारोह में सरकारी दखल का मुद्दा उठाया था
मुख्यमंत्री मान एसजीपी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस दावे पर सवाल उठा रहे थे कि सिख पंथ की सर्वोच्च धार्मिक संस्था होने के नाते, एसजीपीसी ही सिख संगठनों और संगत के सहयोग से ऐतिहासिक शताब्दी समारोह आयोजित करने की हकदार है। धामी ने अमृतसर में बोलते हुए कहा कि सरकार का काम संगत को सुविधाएं प्रदान करना है, धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना नहीं।
उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह सहयोगी भूमिका निभाए और पंथ में अनावश्यक विवाद पैदा न करे। धामी ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले भी सिख इतिहास के महत्वपूर्ण अवसरों पर शताब्दी समारोह एसजीपीसी के नेतृत्व में आयोजित किए गए हैं और सरकारों ने केवल प्रशासनिक सहयोग ही दिया है।

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