शिमला/मनाली, – हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के बीच बादल फटने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार को शिमला और कुल्लू जिलों में 4 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुईं। इस दौरान प्रभावित इलाकों में 8 पुल ढह गए और इसके कारण कई जगहों का अन्य इलाकों से संपर्क टूट गया। उधर, कुल्लू में बादल फटने से पौंग डैम का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। ऐसे में इंदौर के मांड क्षेत्र और पंजाब से सटे इलाकों को अलर्ट रहने के आदेश जारी किए गए हैं।
लोगों को ब्यास नदी के किनारे न जाने का आदेश
प्रशासन द्वारा जारी आदेशों के अनुसार ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ सकता है, इसलिए स्थानीय लोगों को ब्यास नदी के किनारे न जाने का आदेश दिया गया है। श्रीखंड के पार्वती बाग में बादल फटने से 15-20 इलाकों का रामपुर उपमंडल से संपर्क पूरी तरह टूट गया है। बादल फटने के बाद गानवी घाटी में आई बाढ़ के कारण 4-5 पंचायतों को जोड़ने वाला गानवी घाटी पर बना पुल भी तबाह हो गया है।
बादल फटने से तीन पुल बह गए
लाहौल की मयाड़ घाटी में बादल फटने से तीन पुल बह गए हैं। किसानों की फ़सलें बर्बाद हो गई हैं और सड़कें और ज़मीनें भी बह गई हैं। इसके साथ ही, कुल्लू ज़िले के बठाहर में बादल फटने से तीर्थन नदी का जलस्तर बढ़ गया। वहीं, बागीपुल में भी बादल फटने की घटना हुई और इससे कुरपन घाटी में पानी भर गया। इस दौरान टीला पुल से बठाहर तक 3 पुल, एक झोपड़ी और 3 मकान मलबे से क्षतिग्रस्त हो गए और 1 वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। डोगरा पुल भी पानी के तेज़ बहाव में बह गया है।
कुल्लू की डीसी तोरुल एस. रवीश ने बताया कि बागीपुल के भीमदुआरी इलाके में बादल फटने की सूचना मिलते ही खतरे वाले इलाकों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। तीर्थन घाटी के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिया गया है। इन घटनाओं में जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
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