नई दिल्ली, 15 नवम्बर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आदिवासी गौरव हज़ारों वर्षों से भारत की चेतना और परंपरा का हिस्सा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि चाहे आज़ादी की लड़ाई हो या देश के सम्मान की, आदिवासी समुदाय हमेशा सबसे आगे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह संबोधन बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाए जाने वाले जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की पहल की थी।
कांग्रेस पर सीधा निशाना
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर अपने लंबे शासन के दौरान आदिवासी समुदायों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छह दशकों तक आदिवासी समुदायों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। कुपोषण और शिक्षा का अभाव जैसी समस्याएँ अनसुलझी रहीं और कई आदिवासी इलाकों की पहचान बन गईं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण किया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा आदिवासी समुदाय के कल्याण को प्राथमिकता दी है और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का निरीक्षण किया। यह स्टेशन मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) का हिस्सा है, जो देश की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है।
यह कॉरिडोर लगभग 508 किलोमीटर लंबा है – 352 किलोमीटर गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली में, और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में। यह अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, वापी, विरार, ठाणे और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा। अब तक 326 किलोमीटर पुल का निर्माण पूरा हो चुका है और 25 नदी पुलों में से 17 का निर्माण हो चुका है।
यात्रा का समय केवल दो घंटे होगा।
पूरा होने पर, मुंबई और अहमदाबाद के बीच की यात्रा में लगभग दो घंटे लगेंगे। यह हाई-स्पीड ट्रेन यात्रा को तेज़, आसान और आरामदायक बनाएगी। इससे पूरे कॉरिडोर में व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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