पटना, 28 दिसम्बर : नाखून सिर्फ हाथ-पैर की सुंदरता नहीं बढ़ाते, बल्कि ये कई गंभीर बीमारियों का शुरुआती संकेत भी दे सकते हैं। नाखूनों में रंग का बदलाव, काली रेखाएं, मोटापा या बार-बार संक्रमण होना कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार नाखून शरीर का वह हिस्सा हैं, जो सबसे पहले अंदरूनी बीमारियों के बारे में जानकारी देते हैं, लेकिन आमतौर पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।
नाखून केवल सुंदरता का हिस्सा नहीं
‘ओनीकोकॉन-2025’ (Onychocon-2025) राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के प्रमुख विशेषज्ञों ने बताया कि नाखूनों से संबंधित किसी भी बीमारी के लिए केवल डर्माटोलॉजिस्ट ही सही इलाज कर सकते हैं। इन डॉक्टरों को नाखून संबंधी मेडिकल और सर्जिकल दोनों तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें बायोप्सी, ट्यूमर और संक्रमण का इलाज शामिल है।
घरेलू सावधानियां
- गंदे या नुकीले उपकरणों से नाखून न काटें।
- नेल पॉलिश या एक्रिलिक नेल्स का अधिक उपयोग न करें।
- डायबिटीज के मरीज और बुजुर्ग नाखून की समस्याओं को हल्के में न लें।
- किसी भी शक होने पर खुद दवा न लें, सीधे विशेषज्ञ से मिलें।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
निम्न लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें:
- नाखून पर कोई काली या गाढ़ी रेखा या धब्बा बढ़ना।
- नाखून में तेज दर्द, सूजन या पीप आना।
- नाखून का अचानक टूटना या उखड़ना।
- घरेलू दवाइयों या क्रीम से कोई लाभ न होना।
- चोट लगने के बाद नाखून का ठीक न होना।
बीमारी के खतरे को कम करने के उपाय
- नाखून हमेशा साफ और सूखे रखें।
- बहुत तंग जूते पहनने से बचें।
- नाखून काटने के लिए स्टेराइल उपकरण का इस्तेमाल करें।
- सार्वजनिक जगहों पर सफाई का पूरा ध्यान रखें।
- बार-बार नेल-एक्सटेंशन करवाने से बचें।
- हाथ-पैर लंबे समय तक गीले न रखें।
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