पटियाला, 18 अगस्त : बेलर एसोसिएशन पटियाला ने एलान किया है कि अगर जिला प्रशासन ने आगामी धान सीजन में बेलिंग का रेट 198 रुपए प्रति क्विंटल तय नहीं किया तो बेलर मालिक पराली से गांठें बनाने के काम का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
आज यहां पटियाला मीडिया क्लब में बेलर एसोसिएशन पंजाब वर्किंग कमेटी सदस्य जोगा सिंह चप्पड़, जिला पटियाला अध्यक्ष हरजीत सिंह लखोमाजरा, हरमिंदर सिंह जोगीपुर व अन्य साथियों ने बताया कि इस समय पराली का प्रयोग सीएनजी, बिजली, इथेनॉल, बाइकोल, सूखा कोयला व बायो डीजल आदि बनाने में किया जा रहा है।
निवेश के बावजूद लाभ की उम्मीदें पूरी नहीं हो रही हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में बेल बनाने व डंप तक पहुंचाने का रेट 185 रुपये प्रति क्विंटल था, जो 2023 में घटकर 178 रुपये और 2024 में और घटकर 165 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। उन्होंने बताया कि दूसरी ओर बेलर मशीन मालिकों के खर्चे बढ़ गए हैं, जिसमें बेलर 30 रुपये, धागा 16 रुपये, ड्राइवर खर्च 14 रुपये, डीजल खर्च 40 रुपये, ट्रैक्टर किराया 18 रुपये, मरम्मत खर्च 12 रुपये, वैल्यू लॉस 17 रुपये व विविध खर्च 5 रुपये प्रति क्विंटल, कुल खर्च 152 रुपये प्रति क्विंटल आ रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर इस बार रेट 165 रुपये रहा तो बेलर मालिकों को मशीनरी पर 40-40 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद प्रति क्विंटल केवल 13 रुपये की बचत होगी, जोकि बहुत घाटे का सौदा है। उन्होंने कहा कि अगर बेलर मालिक बाहर से आकर जिले में काम करेंगे तो वे एसोसिएशन के साथ भी तालमेल बिठाएंगे और 198 रुपये से कम रेट पर काम नहीं करेंगे।
आर्थिक संकट के कारण बेलर व्यवसाय में गिरावट आई है।
सवालों का जवाब देते हुए इन नेताओं ने कहा कि जिला प्रशासन को बेलों की खरीद में हस्तक्षेप कर 198 रुपये प्रति क्विंटल रेट तय करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे इस बार दो महीने के सीजन का काम पूरी तरह से बंद कर देंगे, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। उन्होंने कहा कि हालांकि पिछले सीजन में भी जिला प्रशासन द्वारा बैठकें की गई थीं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि बेलर मालिकों का फैक्ट्री मालिकों पर 5-5 लाख रुपये तक बकाया है, जिसके कारण परेशानियां और बढ़ गई हैं। इस मौके पर जगतार सिंह लांबदीपुर, तरनजीत सिंह जोगीपुर, महल सिंह पनौड़ियां, कुलवीर सिंह कतलहड़, जगविंदर सिंह समाना, बलजिंदर सिंह सेहरा, जगवीर सिंह जोगीपुर, रविंदर सिंह रामगढ़, बलविंदर सिंह बौरा और गुरदर्शन सिंह कादराबाद आदि मौजूद थे।
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