चंडीगढ, 5 जून : जैसे ही गर्मी का मौसम आता है, लोग एसी और कूलर का सहारा लेने लगते हैं। अत्यधिक गर्मी के कारण कई लोग घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं और दिनभर एसी के ठंडे वातावरण में समय बिताते हैं। आजकल लगभग हर घर में एसी की सुविधा उपलब्ध है, जिससे लोग गर्मी से राहत पाने के लिए घंटों तक एसी के नीचे बैठे रहते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि लगातार एसी का उपयोग करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं? आज हम आपको एसी के अत्यधिक उपयोग से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानकारी देंगे।
दरवाजे बंद तो ऑक्सीजन कम
जब लोग एसी का उपयोग करते हैं, तो वे कमरे के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर देते हैं ताकि ठंडी हवा बाहर न जा सके। इस प्रक्रिया के कारण कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई महसूस हो सकती है। लंबे समय तक इस स्थिति में रहने से व्यक्ति को सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी विकार। इसलिए, यह आवश्यक है कि एसी का उपयोग करते समय कमरे में वेंटिलेशन का ध्यान रखा जाए।
हैडिग, एलर्जी, सुस्ती जैसी समस्याएं
इसके अलावा, लगातार एसी में रहने से मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ठंडी हवा के संपर्क में रहने से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और मानसिक थकान महसूस हो सकती है। इसके अलावा, एसी के अत्यधिक उपयोग से शरीर में ऊर्जा की कमी भी हो सकती है, जिससे व्यक्ति में चिड़चिड़ापन और अवसाद की भावना उत्पन्न हो सकती है।
इसीलिए, एसी का उपयोग संतुलित मात्रा में करना और समय-समय पर बाहर की ताजा हवा लेना आवश्यक है।
एसी में रहने वाले कई लोग सुस्ती और आलस के माहौल में रहते हैं। एसी आसपास मौजूद बासी हवा को फिल्टर करने का काम करता है, जिससे शरीर में ताजी हवा नहीं पहुंच पाती। इससे व्यक्ति थका हुआ और सुस्त महसूस करने लगता है।
सूखी आंखें और त्वचा
लंबे समय तक एसी में रहने से आंखें सूखने लगती हैं क्योंकि इससे वातावरण में मौजूद नमी खत्म हो जाती है। कमरे के आसपास की हवा शुष्क होने लगती है, जिससे आंखों में जलन होने लगती है। लंबे समय तक एसी में रहने के बाद जब कोई व्यक्ति धूप में बाहर निकलता है, तो उसकी त्वचा रूखी हो सकती है और त्वचा में खुजली होने लगती है। पूरे दिन एसी में रहने से निर्जलीकरण हो सकता है, क्योंकि एसी हवा को शुष्क बना देता है। इससे निर्जलीकरण होता है।
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