चंडीगढ़, 23 नवम्बर : श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 350वें शहीदी पर्व के अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब को नया ज़िला बनाने की चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। पंजाब सरकार ने राज्य में नया ज़िला बनाने का फ़ैसला टाल दिया है और सरकार अब प्लान बी पर काम कर रही है। यानी राज्य में ज़िलों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। बताया जा रहा है कि गढ़शंकर, बलाचौर, रूपनगर और खरड़ तहसील के लोगों के विरोध और नया ज़िला बनाने के भारी-भरकम बजट को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऐसा फ़ैसला बदला है।
रूपनगर का नाम बदलने की तैयारी
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कई विधायकों ने भी अपने विधानसभा क्षेत्रों के गाँवों के नाम बदलने पर दबी ज़बान में अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। सूत्रों का कहना है कि सरकार द्वारा तैयार किए गए प्लान बी के अनुसार, ज़िला मुख्यालय रोपड़ (रूपनगर) ही रहेगा, लेकिन इसका नाम गुरु तेग बहादुर साहिब के नाम पर रखने पर विचार किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, शहीद भगत सिंह नगर, नवांशहर का नाम रखा गया है। यानी सरकार इसका नाम ज़िला गुरु तेग बहादुर नगर रूपनगर या ज़िला आनंदपुर साहिब, रूपनगर रखने पर विचार कर रही है।
ऐसा करने से किसी भी वर्ग को ठेस नहीं पहुँचेगी और किसी भी विधानसभा क्षेत्र के गाँवों को दूसरे ज़िले में बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इतना ही नहीं, सरकार पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं पड़ेगा।
वित्तीय स्थिथि गड़बड़ के चलते नए जिले का विचार छोड़ा
सूत्रों का कहना है कि जब सरकार ने आला अधिकारियों के साथ नए ज़िले के निर्माण पर चर्चा की थी, तो भवन निर्माण के लिए लगभग 350 करोड़ रुपये का शुरुआती अनुमान लगाया गया था, जबकि अन्य खर्च अलग थे। सरकार की वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसी के चलते सरकार ने नए ज़िले के निर्माण की योजना में बदलाव किया है। अब सबकी निगाहें 24 नवंबर को विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा की जाने वाली घोषणा पर टिकी हैं।
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