October 8, 2025

ईडी ने फर्जी समन घोटाले पर चेतावनी जारी की; सत्यापन प्रणाली लागू की गई

ईडी ने फर्जी समन घोटाले पर चेतावनी जारी...

नई दिल्ली, 8 अक्तूबर : डिजिटल अरेस्ट और देश की प्रमुख एजेंसियों से जुड़े होने का दावा करके जालसाज़ बड़े पैमाने पर आम लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसी सिलसिले में, जालसाज़ों द्वारा जारी किए जा रहे फ़र्ज़ी समन के बढ़ते मामलों के बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बयान जारी कर लोगों को ऐसी घटनाओं से सावधान रहने की चेतावनी दी है।

अक्सर, घोटालेबाज़ ईडी समेत कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जारी किए गए कथित तौर पर फ़र्ज़ी गिरफ्तारी वारंट दिखाते हैं। वे ईडी अधिकारियों का रूप धारण करके डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर आम जनता को धोखा देते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारियाँ उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए और व्यक्तिगत रूप से की जाती हैं। ईडी ने स्पष्ट किया कि धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत डिजिटल गिरफ्तारी या ऑनलाइन गिरफ्तारी की कोई अवधारणा नहीं है।

वास्तविकता को सत्यापित करने का तरीका क्या है?

जांच के दौरान, ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) की धारा 50(2) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) की धारा 37 के प्रावधानों के तहत सम्मन जारी करता है।

धन शोधन रोधी एजेंसी ने एक बयान में कहा, “ईडी के संज्ञान में ऐसे कई मामले आए हैं, जहां कुछ ‘बेईमान’ व्यक्तियों (घोटालेबाजों) ने धोखाधड़ी या धन उगाही के इरादे से लोगों को समन भेजे हैं। ये फर्जी समन अक्सर ईडी द्वारा जारी किए गए असली समन जैसे ही होते हैं।”

व्यक्तियों को प्राप्त होने वाले समन की प्रामाणिकता सत्यापित करने की सुविधा प्रदान करने के लिए, ईडी ने एक ऐसी प्रणाली लागू की है जिसमें समन के नीचे एक क्यूआर कोड और एक विशिष्ट पासकोड शामिल है। एजेंसी ने कहा कि ईडी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे विशेष असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर, केवल इसी प्रणाली के माध्यम से समन जारी करें।

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