नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आबकारी घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंज़ूरी की एक प्रति रिकॉर्ड पर पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति रवींद्र डुडेजा की पीठ ने केजरीवाल-सिसोदिया की अपील याचिका पर यह आदेश दिया। केजरीवाल-सिसोदिया ने प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपपत्र आवश्यक मंज़ूरी के बिना दायर किया गया था।
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने पीठ को बताया कि जाँच एजेंसी द्वारा दायर पहले छह आरोपपत्रों में से किसी में भी उनका नाम आरोपी के रूप में नहीं था। उन्होंने यह भी दावा किया कि ईडी के पास आवश्यक अभियोजन स्वीकृति नहीं थी। दूसरी ओर, ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने याचिका का विरोध किया और दावा किया कि आवश्यक स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है और इसे निचली अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इस पर पीठ ने ईडी को 12 नवंबर को होने वाली सुनवाई तक इसे रिकॉर्ड में रखने का निर्देश दिया।

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