नई दिल्ली, 5 दिसम्बर : राजस्थान हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि अगर लड़का और लड़की अभी शादी की उम्र के नहीं हुए हैं, तब भी वे चाहें तो लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं। कोटा निवासी 18 साल की युवती और 19 साल के युवक ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनूप ढांड ने यह फैसला सुनाया है।
वकील ने तर्क दिया
राजस्थान हाईकोर्ट में मौजूद सरकारी वकील ने कहा कि लड़का और लड़की अभी शादी की उम्र के नहीं हैं। लड़का 21 साल से कम और लड़की भी 18 साल से कम उम्र की है। ऐसे में दोनों को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
अदालत ने फैसला सुनाया
अदालत ने सरकारी वकील की दलीलों को खारिज करते हुए कहा, “अनुच्छेद 21 के तहत सभी को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। ऐसे में याचिकाकर्ता को किसी भी तरह की धमकी देना संवैधानिक उल्लंघन माना जाएगा।” उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ताओं को केवल यह कहकर मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता कि वे विवाह के योग्य नहीं हैं।” “लिव-इन रिलेशनशिप न तो अवैध है और न ही भारतीय कानून के तहत इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है।”
पूरा मामला क्या है?
यह जोड़ा आपसी सहमति से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। याचिकाकर्ता के अनुसार, यह जोड़ा 27 अक्टूबर, 2025 से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा है। हालाँकि, लड़की का परिवार इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने जोड़े को जान से मारने की धमकी दी है। इसलिए, जोड़े ने पुलिस सुरक्षा की माँग की है।
दंपत्ति का कहना है कि कोटा पुलिस को लिखित आवेदन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अदालत ने भीलवाड़ा और जोधपुर पुलिस को दंपत्ति को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।
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