चंडीगढ़, 28 जून : पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हमेशा पार्टी में गुटबाजी की खबरों को नकारते हैं, लेकिन लुधियाना उपचुनाव के दौरान पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी जगजाहिर हो गई। पंजाब कांग्रेस कमेटी ने भी पार्टी हाईकमान को भेजी रिपोर्ट में साफ कहा है कि पार्टी की गुटबाजी के कारण ही उपचुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा है। अगर पार्टी के नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ते तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।
जानकारी के अनुसार भारत भूषण आशु के कार्यवाहक अध्यक्ष परगट सिंह और उपाध्यक्ष पद से कुशलदीप सिंह किक्की ढिल्लों के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस कंवलप्रीत करवल और करण वडि़ंग को पार्टी से निकालने पर विचार कर रही है। इन दोनों नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और लुधियाना से पार्टी के उम्मीदवार भारत भूषण आशु ने कांग्रेस में शामिल कराया था। सिमरनजीत सिंह बैंस ने भी करवल के कांग्रेस में शामिल होने पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
पार्टी नेतृत्व करवल और करण वारिंग को पार्टी में अनुशासन सिखाने के लिए बाहर का रास्ता दिखाने के मूड में है। बताया जा रहा है कि पार्टी इस बात पर विचार कर रही है कि दोनों नेताओं को पार्टी से निकाल दिया जाए या फिर चुपचाप किनारे लगा दिया जाए।

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