November 20, 2025

सफेद सोने के कम दाम से किसान मुश्किल में, सरकारी खरीद एजेंसीयां मंडियों से गायब

सफेद सोने के कम दाम से किसान मुश्किल में...

बठिंडा, 26 सितंबर : मालवा बेल्ट में गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी के हमले के कारण कपास की खेती छोड़ चुके किसानों ने राज्य सरकार द्वारा उन्हें फिर से प्रोत्साहित करने और आधुनिक तकनीकों पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने के बाद ‘सफेद सोने’ की ओर रुख किया है। हालांकि इस बार गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी का हमला बहुत कम था, लेकिन पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश ने कपास की फसल को काफी प्रभावित किया है।

किसानों को खुलेआम खुलेआम लूटा जा रहा है

हर बार की तरह, राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन सरकारी खरीद एजेंसी अभी तक बाजारों में कहीं भी दिखाई नहीं दी है, जिसके कारण व्यापारी कपास के मनमाने दाम वसूल कर किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं। कपास हर दिन मंडियों में पहुंच रहा है, लेकिन समर्थन मूल्य से नीचे बिकने के कारण किसान निराश हैं। बठिंडा के खरीद केंद्र में गांव गहरी बुट्टर से कपास बेचने आए किसान भगवान सिंह और पलविंदर सिंह ने कहा कि व्यापारियों द्वारा मिलीभगत से समर्थन मूल्य से कम पर कपास खरीद कर उन्हें खुलेआम लूटा जा रहा है।

कपास की बिजाई में कोई पढ़ाई नहीं होती, इससे किसान का खर्च भी नहीं निकलता, वह सिर फोड़ता है, मजबूरी में उसे बिजाई करनी पड़ती है। उन्होंने बताया कि इस बार कपास का समर्थन मूल्य 7710 रुपये है, लेकिन व्यापारी इसे 6500 से 7000 रुपये तक खरीद रहे हैं, जिसमें किसानों को सीधे तौर पर लूटा जा रहा है, मंडी में कहीं भी कोई सरकारी खरीद एजेंसी दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि इस बार बेमौसम बारिश ने कपास को काफी नुकसान पहुंचाया है।

सरकारी खरीद एजेंसी न भेजकर किसानों को लूट रही है केंद्र सरकार: खुड्डियां

कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की पुष्टि की थी कि सरकारी खरीद एजेंसी सीसीआई (कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) मंडियों से कपास नहीं खरीद रही है, जिसके चलते व्यापारी किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं। होना तो यह चाहिए था कि कपास की खरीद शुरू होने से पहले ही सीसीआई मंडियों में पहुंच जाती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को धान की खेती से हटाकर कपास की ओर मोड़ रही है, लेकिन केंद्रीय खरीद एजेंसी किसानों को मंडियों में न भेजकर लूट रही है।

फसल विविधीकरण को लेकर पंजाब सरकार की सक्रिय पहल के कारण राज्य में कपास की खेती का रकबा 20 फीसदी बढ़ा है, वहीं अब खरीद प्रक्रिया के दौरान सीसीआई की संदिग्ध अनुपस्थिति किसानों के लिए निराशा का कारण है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब सरकार और राज्य के किसानों ने अपना काम पूरा कर दिया है, तो अब केंद्र को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और अपने हिस्से का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि सीसीआई बिना किसी देरी के तुरंत कपास की खरीद शुरू करे।

यह भी देखें : किफायती कीमत पर वेरका देगा प्रीमियम हाई प्रोटीन प्रोबायोटिक दही : शेरगिल