October 6, 2025

70 साल में पहली बार ननकाना साहिब यात्रा पर रोक! सिख समुदाय में विरोध

70 साल में पहली बार ननकाना साहिब...

नई दिल्ली, 21 सितंबर : पाकिस्तान में ननकाना साहिब की तीर्थयात्रा पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सिख संगठनों ने गहरी नाराजगी जताते हुए इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप बताया है। उनका कहना है कि पिछले 70 सालों में, युद्ध के दौरान भी, तीर्थयात्रा कभी नहीं रोकी गई। यह पहली बार है जब श्रद्धालुओं को गुरु नानक देव जी के जन्मस्थान पर जाने से रोका जा रहा है, जिससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।

केंद्रीय श्री गुरु सिंह सभा ने सरकार के इस एकतरफा फैसले को अस्वीकार्य बताया है। सभा ने स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय से ही दोनों देशों के बीच एक समझौता था, जिसके तहत सिख श्रद्धालुओं को गुरुपर्व और अन्य विशेष अवसरों पर पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों में जाने की अनुमति दी गई है। यह प्रथा सात दशकों से बिना किसी बाधा के जारी है। संगठनों का मानना ​​है कि यह फैसला पूरी तरह से राजनीतिक है, क्योंकि इससे पाकिस्तान में सिख समुदाय को कोई खतरा नहीं है।

युद्ध के दौरान भी यह प्रथा बंद नहीं हुई

श्री गुरु सिंह सभा के महासचिव डॉ. कुशल सिंह ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे तनावपूर्ण और युद्ध जैसे दौर में भी सिख जत्थे ननकाना साहिब जाते रहे हैं। उन्होंने 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब दोनों देशों की सीमाएँ सील थीं, तब भी भारत सरकार ने सिखों के इस पवित्र तीर्थस्थल पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था। उन्होंने कहा कि सिख संगठनों से सलाह-मशविरा किए बिना सरकार का यह फ़ैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन

इस फैसले के विरोध में जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का सीधा उल्लंघन है, जो सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। बयान में डॉ. कुशल सिंह, जस्टिस रणजीत सिंह, गुरतेज सिंह, ताज मोहम्मद, शमशेर कारी, डॉ. प्यारे लाल गर्ग, राजिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, हमीर सिंह, दीपक शर्मा, मलविंदर सिंह माली और कैप्टन गुरदीप सिंह गुन्नम जैसे प्रमुख व्यक्ति शामिल थे।

उन्होंने इस तनावपूर्ण समय के दौरान गुरु नानक देव जी के भाईचारे के संदेश को फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया और बंद पड़े करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने की अपील की। ​​इस बीच, पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड ने भी भारत से अनुरोध किया है कि वह 22 सितंबर को गुरु नानक देव जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं को मत्था टेकने की अनुमति दे।

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