न्यूयार्क, 21 अक्तूबर : दुनिया भर में दिवाली हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाई जा रही है। कई देशों के नेताओं ने अपनी शुभकामनाएँ देते हुए इस प्रकाश पर्व को आशा, नवीनीकरण और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक बताया है। आज अपने संदेशों में, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और सिंगापुर के नेताओं ने कहा कि दिवाली शांति और एकता को बढ़ावा देती है और विभिन्न संस्कृतियों के बीच सद्भाव का सेतु है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संदेश में कहा, “मैं इस त्यौहार को मना रहे हर अमेरिकी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। यह समय हमारे लिए आशा, शांति और प्रकाश का संदेश लेकर आया है।”
आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा, “यह दिवाली आपके जीवन में आशा, प्रकाश, सफलता और खुशियां लेकर आए।”
इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात के शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने भी शुभकामनाएं देते हुए कहा, “यह त्योहार शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाए।”
इज़रायली प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे मित्र नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ! यह त्यौहार आपके महान देश में आशा, शांति और समृद्धि लाए। भारत और इज़रायल नवाचार, मित्रता, रक्षा और उज्ज्वल भविष्य में साझेदार हैं।”
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने दिवाली पर अपनी हालिया भारत यात्रा को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मुंबई में एक दीया जलाया था, जो भक्ति और नए संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “ब्रिटेन में रहने वाले सभी हिंदू, जैन और सिख समुदायों को दिवाली और बंदी छोड़ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ… आइए एक ऐसा ब्रिटेन बनाएँ जहाँ हर कोई आशा के साथ आगे देख सके।” उन्होंने 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हिंदी में भी शुभकामनाएं दीं।
यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने अपने संदेश में लिखा, “प्रकाश की सदैव विजय हो।”
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रेडियो पाकिस्तान पर बोलते हुए कहा कि दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और देश अपने संविधान में निहित सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली स्थित फ़िनलैंड, इज़राइल, ऑस्ट्रिया, ब्राज़ील, स्विट्ज़रलैंड और यूरोपीय संघ सहित कई दूतावासों ने भी रंगारंग कार्यक्रमों के साथ दिवाली की शुभकामनाएँ दीं। यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फ़िन ने घोषणा की कि सभी 27 सदस्य देश भारत के साथ संबंधों को मज़बूत करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए एक संयुक्त रोडमैप तैयार किया जाएगा।
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