October 6, 2025

भारी बारिश से किसानों और सरकार को मिली बड़ी राहत, बिजली की मांग घटी

भारी बारिश से किसानों और सरकार को...

चंडीगढ़, 1 जुलाई : हालांकि भारी बारिश ने पड़ोसी राज्यों में काफी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन पिछले तीन दिनों से हो रही वर्षा ने पंजाब के किसानों और राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग 16,700 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जिसे पूरा करने के लिए पावरकॉम को बिना पूर्व सूचना के बिजली कटौती का सहारा लेना पड़ा। लेकिन अब पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते बिजली की मांग घटकर 9,000 मेगावाट तक आ गई है और धान की रोपाई का कार्य तेजी से चल रहा है।

खेतों में फसल के लिए पानी की कमी नहीं

बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे किसानों को रोपाई में कोई परेशानी नहीं आ रही है। राज्य सरकार ने 1 जून से धान की रोपाई की अनुमति दे दी थी। जानकारी के अनुसार, श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट और फाजिल्का जिलों में भूजल स्तर काफी ऊंचा है, वहां 1 जून से ही धान की रोपाई शुरू हो गई थी, जबकि अन्य जिलों में यह काम 5 और 9 जून से शुरू हुआ। लेकिन इस दौरान तेज़ गर्मी ने रोपाई के कार्य को प्रभावित किया। अब जब प्री-मानसून और मानसून की बारिश हो चुकी है, तो बुआई के काम में तेज़ी आ गई है।

अच्छी फसल की उम्मीद बढ़ी

मौसम में भारी नमी के कारण जल वाष्पीकरण की गति भी कम हो गई है। पंजाब कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार, 22.47 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई पूरी हो चुकी है। पिछले साल यह आंकड़ा 32 लाख हेक्टेयर था। इस साल यह 22.47 लाख हेक्टेयर है और जिस गति से यह बढ़ रही है, उससे उम्मीद है कि यह पिछले साल के आंकड़े के करीब पहुंच जाएगी।

भूमिगत जल स्तर में गिरावट को देखते हुए पंजाब सरकार ने धान की ‘सीधी बुआई’ को लेकर बड़े दावे किए थे, लेकिन इस बार इसे बड़ा झटका लगा है। यह केवल 80,000 हेक्टेयर में ही संभव हो पाई, जबकि दावा किया गया था कि 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सीधी बुआई की जाएगी।

मौसम विभाग का कहना है कि जून महीने में पंजाब में औसत से 28 मिलीमीटर अधिक बारिश हुई है। आम तौर पर इस अवधि में 54 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस महीने अब तक 69.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है।