December 1, 2025

डी.आई.जी. भुल्लर मामले में हाईकोर्ट द्वारा आदेशों के रिकार्ड मांगे

डी.आई.जी. भुल्लर मामले में ...

चंडीगढ़, 27 नवम्बर : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की याचिका पर सुनवाई की है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 5 और 51 के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी किसी भी आदेश का रिकॉर्ड अदालत के समक्ष रखे ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि चंडीगढ़ में राज्य कर्मचारियों पर केंद्रीय एजेंसी को अधिकार देने का कोई कानूनी प्रावधान है या नहीं।

सुनवाई दिसंबर के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजनल बेंच ने मामले की सुनवाई भी दिसंबर के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठा कि क्या दिल्ली विशेष स्थापना अधिनियम को राज्य सरकार की सहमति के बिना किसी राज्य के अधिकार क्षेत्र में बढ़ाया जा सकता है। यदि धारा 5 को पढ़ा जाए, तो क्या यह निषेध केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू नहीं होता है?

पीठ के समक्ष मुख्य तर्क यह रहा है कि धारा 5 के तहत केंद्र सरकार जांच शक्तियों का विस्तार केवल उन्हीं राज्यों या क्षेत्रों तक कर सकती है जो न तो केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) हैं और न ही रेलवे क्षेत्र। इसलिए, चंडीगढ़, जो पंजाब और हरियाणा दोनों की संयुक्त राजधानी है, लेकिन एक केंद्र शासित प्रदेश है, इस प्रतिबंध के अंतर्गत नहीं आता है।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि यदि चंडीगढ़ स्थित सभी राज्य कर्मचारियों पर स्वत: अधिकार क्षेत्र मान लिया जाता है, तो सीबीआई राज्यों के लिए एक सुपर विजिलेंस एजेंसी बन जाएगी, जो संवैधानिक प्रावधान का उद्देश्य नहीं है। भुल्लर ने याचिका में सीबीआई द्वारा की गई कार्रवाई को अवैध बताया है और जांच एजेंसी के अधिकार के दायरे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। याचिका में उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सीबीआई को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 6 के तहत पंजाब सरकार से मंजूरी लेना आवश्यक था।

सी.बी.आई. के पास गिरफ्तारी का आधार नहीं

भुल्लर का तर्क है कि राज्य की सहमति के बिना उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती थी और न ही उन्हें हिरासत में लिया जा सकता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2023 का वह मामला जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया था, पंजाब के सरहिंद थाने से संबंधित है। इसलिए, सीबीआई चंडीगढ़ के पास इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं था। उनका कहना है कि चंडीगढ़ से जो सामान बरामद होने की बात कही जा रही है, वह उनके कब्जे से नहीं मिला। याचिका में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने उस कथित अपराध में पहले ही एफआईआर दर्ज कर ली थी। भुल्लर के अनुसार एक ही अपराध में दो एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकतीं और दोनों मामलों में मात्र आधे घंटे का अंतर है, जिससे पूरे मामले पर सवाल उठते हैं।

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