नई दिल्ली, 21 अक्तूबर : होंडा टू-व्हीलर ने अब छोटी क्षमता वाली मोटरसाइकिलों में भी अपनी ई-क्लच तकनीक देना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में, कंपनी ने 2026 होंडा रेबेल 300 को नए ई-क्लच फ़ीचर के साथ लॉन्च किया है। इसके साथ ही, इसमें कई अन्य फ़ीचर भी जोड़े गए हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
नई होंडा रेबेल 300 का डिज़ाइन और विशेषताएं
2026 रेबेल 300 में कोई बड़ा मैकेनिकल बदलाव नहीं किया गया है। यह बाइक दो नए रंगों, पर्ल स्मोकी ग्रे और मैट ब्लैक मेटैलिक, में उपलब्ध है। गोल हेडलाइट्स, रंग-मिलान वाले फेंडर, टियर-ड्रॉप फ्यूल टैंक और ऑल-ब्लैक एग्जॉस्ट के साथ यह एक क्लासिक क्रूज़र जैसा लुक देती है।
विनिर्देश और प्रदर्शन
होंडा रेबेल 300 में 286 सीसी का लिक्विड-कूल्ड, सिंगल-सिलेंडर इंजन लगा है जो 25 एचपी की पावर और 23.86 एनएम का टॉर्क देता है। यह 6-स्पीड गियरबॉक्स से जुड़ा है जिसमें अब होंडा ई-क्लच भी शामिल है।
सस्पेंशन के लिए इसमें आगे की तरफ 41 मिमी फोर्क्स और पीछे की तरफ डुअल शॉक एब्जॉर्बर हैं। ब्रेकिंग के लिए आगे की तरफ 296 मिमी डिस्क ब्रेक और पीछे की तरफ 240 मिमी डिस्क ब्रेक हैं। बाइक के दोनों तरफ 16-इंच के अलॉय व्हील लगे हैं, जिनमें आगे की तरफ 130/90 और पीछे की तरफ 150/80 टायर लगे हैं। इसकी सीट की ऊँचाई मात्र 690 मिमी है जो इसे एक नीची और नियंत्रित राइडिंग पोजीशन प्रदान करती है।
नई होंडा रेबेल 300 की कीमत
2026 होंडा रेबेल 300 ई-क्लच अमेरिका में लॉन्च हो गई है। इसकी कीमत 5,349 अमेरिकी डॉलर (करीब 4.70 लाख रुपये) है। हालाँकि, ई-क्लच वाली नई रेबेल 300 की कीमत पिछले साल के मुकाबले 500 अमेरिकी डॉलर (करीब 44,000 रुपये) बढ़ गई है।
होंडा ई-क्लच तकनीक क्या है?
होंडा का ई-क्लच सिस्टम उपयोगकर्ताओं को क्लच लीवर का उपयोग किए बिना गियर बदलने की सुविधा देता है। इसका मतलब है कि सवार चाहें तो क्लच का उपयोग किए बिना भी आसानी से गियर बदल सकता है। अगर किसी को क्लच के साथ चलने की आदत है, तो वह पारंपरिक तरीके से भी गाड़ी चला सकता है।
यह तकनीक क्विक-शिफ्टर की तरह भी काम करती है, जिससे पूरे थ्रॉटल पर क्लचलेस गियर बदलाव संभव हो जाता है। उपयोगकर्ताओं को मैनुअल और ऑटोमैटिक क्लच मोड के बीच स्विच करने के लिए कोई बटन दबाने की ज़रूरत नहीं है। यह सिस्टम राइडर के इनपुट के आधार पर अपने आप मोड बदल लेता है।
डिफॉल्ट रूप से, बाइक क्लचलेस मोड में रहती है, लेकिन जैसे ही सवार हैंडलबार पर लगे क्लच लीवर का उपयोग करता है, बाइक मैनुअल मोड में चली जाती है और जब क्लच छोड़ा जाता है, तो यह स्वचालित रूप से क्लचलेस मोड में वापस आ जाती है। होंडा का कहना है कि यह सुविधा नए और अनुभवी, दोनों तरह के राइडर्स के लिए फायदेमंद है। यह इंजन स्टॉल होने की समस्या को खत्म करता है और खासकर नए राइडर्स के लिए राइडिंग को आसान और सुरक्षित बनाता है।
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