November 20, 2025

इंसानियत शर्मसार : डाक्टरों ने दलित बच्चे की लाश मोर्चरी में रखने से आखिर क्यों किया इनकार

इंसानियत शर्मसार : डाक्टरों ने दलित बच्चे की लाश...

रूपनगर, 17 नवम्बर: रूपनगर में एक सरकारी अस्पताल द्वारा दलित बच्चे का शव अस्पताल के मुर्दाघर में रखने से इंकार करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए सीटू नेता कामरेड गुरदेव सिंह बागी और किसान नेता कामरेड पवन कुमार सरपंच चक करमन ने बताया कि 15 नवंबर को रात करीब 10-11 बजे नजदीकी गांव पुरखाली निवासी गोल्डी अपने परिजनों के साथ अपने बच्चे का शव सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में रखने आया था। 

उसने बताया कि पिछले दिनों इटली में हुए एक सड़क हादसे में उसके बच्चे की मौत हो गई थी। उसने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों ने उक्त बच्चे का शव अस्पताल के मुर्दाघर में रखने से इंकार कर दिया, जबकि उसने अस्पताल के डॉक्टरों से शव को एक रात मुर्दाघर में रखने के बारे में बातचीत की थी और शव लेने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट गया था।

उसने बताया कि जब वह दिल्ली एयरपोर्ट से बच्चे का शव लेकर रूपनगर के सरकारी अस्पताल पहुंचा तो ड्यूटी पर तैनात डॉ. भट्टी ने अपने अधिकारियों से बात करने के बाद शव रखने से इंकार कर दिया और कहा कि उनके पास कोई सामान नहीं है और वह शव नहीं रख सकते। उस मौके पर भी एसडीएम रूपनगर ने अस्पताल अधिकारियों से शव रखने का अनुरोध किया था, लेकिन उनकी बात भी नहीं सुनी गई।

मेरे खिलाफ लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं: डॉ. भट्टी

इस संबंध में, सिविल अस्पताल रूपनगर के ईएमओ डॉ. युवराज सिंह भट्टी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि शव रखने के संबंध में उन्हें उच्च अधिकारियों से कोई निर्देश नहीं मिले थे। उन्होंने कहा कि जिस समय उक्त परिवार शव रखने के लिए उनके पास इमरजेंसी में पहुँचा, उस समय वह नूरपुरबेदी क्षेत्र के एक दुर्घटना में घायल हुए दो युवकों का भी इलाज कर रहे थे।

इसके बावजूद उन्होंने परिजनों से बहुत विनम्रता से बात की, लेकिन परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने लगाए जा रहे आरोपों से साफ इनकार किया।

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