चंडीगढ़, 11 सितम्बर : पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आप नेतृत्व पर बाढ़ राहत के लिए निराधार और मनगढ़ंत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है। जाखड़ ने कहा कि मंत्री 20,000 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं और मुख्य सचिव ने 13,239 करोड़ रुपये की रिपोर्ट भेजी है, जिससे साफ पता चलता है कि सरकार के भीतर कोई समन्वय नहीं है।
पत्रकारों से बातचीत में सुनील जाखड़ ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए 5,043 करोड़ रुपये की मांग की, जबकि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13,500 गांवों में ग्रामीण विकास पर केवल 1156 करोड़ रुपये और 2023-24 में 778 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। पिछले साढ़े तीन साल में मंडी बोर्ड ने सड़क निर्माण पर केवल 500 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन अब बाढ़ प्रभावित गांवों की सड़कों के लिए 1022 करोड़ रुपये की मांग की जा रही है, जबकि आप सरकार ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि वह 800 करोड़ रुपये से 8,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की मरम्मत करेगी। ये सभी आंकड़े तथ्यों से रहित हैं और एक दूसरे के विरोधाभासी हैं।
पंजाब के साथ कोई भेदभाव नहीं किया
जाखड़ ने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा केंद्र सरकार पर 6,000 करोड़ रुपये बकाया होने के दावे को चुनौती देते हुए कहा कि यह अरविंद केजरीवाल द्वारा रेत और आबकारी से 60,000 करोड़ रुपये राजस्व वसूलने के काल्पनिक दावों का मामला है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है, तो वित्त मंत्री ने 3 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया?
उन्होंने पंजाब के साथ भेदभाव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिहार की आबादी 13 करोड़ है और यह क्षेत्रफल पंजाब से लगभग दोगुना है और जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, फिर भी उसे दी गई राशि साबित करती है कि पंजाब के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है।
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