नई दिल्ली, 16 दिसम्बर : भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर पाकिस्तान को करारा झटका दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने शांति और सद्भाव का हवाला देते हुए जम्मू-कश्मीर पर अपना दावा ठोकने की कोशिश की, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी उसे करारा जवाब मिला। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरीश पर्वताणेनी ने संक्षेप में कहा, “जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं। ये पहले भी भारत का हिस्सा थे और हमेशा रहेंगे।”
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में सिंधु जल संधि को समाप्त करने का कारण स्पष्ट करने के साथ-साथ पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र भी बताया।
सिंधु जल संधि का जवाब
संयुक्त राष्ट्र में हरीश पर्वतनेनी ने कहा, “भारत पिछले 65 वर्षों से मित्रता और सद्भावना के कारण सिंधु जल संधि का पालन करता रहा है, लेकिन इस दौरान पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले किए, जिससे संधि की भावना का उल्लंघन हुआ।”
हरीश ने पाकिस्तान के इस कायरतापूर्ण कृत्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: पाकिस्तान द्वारा उकसाए गए आतंकवादी हमलों में हजारों भारतीयों ने अपनी जान गंवाई है। इसी साल अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में भी एक आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें एक विदेशी नागरिक समेत 26 लोग मारे गए थे।
आतंकवाद से घिरे पाकिस्तान
सिंधु जल संधि के बारे में बात करते हुए भारत ने कहा, “भारत ने आतंकवाद के वैश्विक केंद्र पाकिस्तान के साथ इस संधि को निलंबित (स्थगित) करने की घोषणा की है। यह संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान की धरती पर पनप रहे आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता।”
संविधान के 27वें संशोधन पर उठाए गए प्रश्न
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा, “पाकिस्तान ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जेल में डाल दिया। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगा दिया गया और सेना प्रमुख आसिम मुनीर को 27वें संवैधानिक संशोधन के माध्यम से आजीवन प्रतिरक्षा प्रदान की गई, जो एक प्रकार का संवैधानिक तख्तापलट है।”

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