नई दिल्ली, 12 जून : भारत ने शेयर बाजार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिससे वैश्विक स्तर पर इसकी स्थिति मजबूत हुई है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 21 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो इसे दुनिया के शीर्ष 10 इक्विटी बाजारों में सबसे अधिक वृद्धि प्रदान करता है। इस वृद्धि के साथ, भारत अब वैश्विक स्तर पर पांचवे सबसे बड़े इक्विटी बाजार के रूप में उभरा है, जबकि अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग ही इसके आगे हैं।
इस अवधि के दौरान, भारत के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी ने क्रमशः 12.5 प्रतिशत और 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच पांच महीने के सुधार के बाद, मार्च से भारत का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया, जो इसे दुनिया के शीर्ष 10 इक्विटी बाजारों में सबसे अधिक वृद्धि का दर्जा देता है। भारत की लिस्टेड कंपनियों ने मार्च 2025 की शुरुआत से मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़े हैं, जिससे कुल कैपिटलाइजेशन 5.33 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
कैसी रही मार्केट की स्थिति?
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार्ता को लेकर उम्मीद और एफ.पी.आई. के फंड फ्लो से ग्लोबल बाजारों में बढ़त के बीच घरेलू बाजार में मजबूती रही। स्थानीय शेयर बाजार बुधवार को 123 अंक चढ़ गया। सेंसेक्स 123.42 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,515.14 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में छठे दिन भी तेजी रही और यह 37.15 अंक की बढ़त के साथ 25,141.40 अंक पर बंद हुआ।
घरेलू निवेशकों की भागीदारी भी बड़ी
मार्केट में तेजी का कारण घरेलू संस्थागत निवेशक (डी.आई.आई.) भी हैं। जून में हर दिन उन्होंने शेयर खरीदे हैं। उन्होंने कुल मिलाकर 25,510 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। इससे विदेशी निवेशकों के बेचने के दबाव को कम करने में मदद मिली है। घरेलू निवेशकों के मजबूत समर्थन के कारण बाजार स्थिर बना हुआ है, भले ही दुनिया में कुछ परेशानियां चल रही हैं।
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