जालंधर, 8 अप्रैल : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा आरंभ किए गए टैरिफ युद्ध के परिणामस्वरूप भारत को डेयरी निर्यात में महत्वपूर्ण अवसर मिल सकता है। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ के प्रबंध निदेशक और प्रमुख डेयरी ब्रांड अमूल के मालिक जयेन मेहता का मानना है कि अमेरिका ने इस टैरिफ युद्ध के माध्यम से अनजाने में अपने डेयरी निर्यात बाजार का एक बड़ा हिस्सा भारत को सौंप दिया है।
भारत के लिए पैदा होंगे नए अवसर
मेहता ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के डेयरी निर्यात का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा भारत के निकटवर्ती क्षेत्रों में जाता है, जिसमें पश्चिम एशिया, उत्तरी अफ्रीका, चीन, दक्षिण-पूर्व एशिया, उप-सहारा अफ्रीका, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। इन क्षेत्रों में भारतीय उत्पादों की मांग बढऩे की संभावना है, जिससे भारत को अपने डेयरी उत्पादों के लिए नए बाजारों में प्रवेश करने का अवसर मिल सकता है।
इसके अलावा, कुछ देशों द्वारा ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के जवाब में अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाने की संभावना भी है। मेहता ने कहा कि इस स्थिति का लाभ उठाते हुए भारत को अपने डेयरी उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत किया जा सके।
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