न्यूयार्क, 20 अगस्त : यह पहली बार नहीं है जब भारत ने किसी बड़े मंच पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया हो। संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में भारत की ओर से बयान देते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन मैथ्यू पुनूज़ ने पाकिस्तान को आईना दिखाया। उन्होंने कहा, “जिस निर्भीकता से पाकिस्तानी सेना ने 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में लाखों महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के जघन्य अपराध किए, वह शर्मनाक है। यह निंदनीय प्रथा आज भी बिना किसी रोक-टोक या डर के जारी है। आपको बता दें कि पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में आज भी दिनदहाड़े लड़कियों का अपहरण किया जाता है।”
इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारतीय राजनयिक एल्डस मैथ्यू पुनस ने कहा कि संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा के जघन्य कृत्यों के अपराधियों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के इन जघन्य कृत्यों को उसकी न्यायपालिका ने भी मंजूरी दी है। यह विडंबना ही है। इन अपराधों को अंजाम देने वाले अब न्याय के समर्थक होने का ढोंग रच रहे हैं। यह पाखंड और पाखंड स्वयंसिद्ध है।
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