नई दिल्ली, 29 जुलाई : ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में आज भी बहस जारी है। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की और इस संबंध में आज भी बहस जारी है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम हमले पर सदन को संबोधित करते हुए कहा कि पहलगाम में पर्यटकों की गोली मारकर हत्या करने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि कल ऑपरेशन महादेव में, सेना, सीआरपीएफ और कश्मीर पुलिस के एक संयुक्त अभियान में पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकवादी मारे गए।
ग्रह मंत्री अमितशाह ने सबूतों सहित दी जानकारी
उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बात के काफी सबूत हैं कि सुलेमान लश्कर का कमांडर था और पहलगाम हमले और गगनवीर आतंकी हमले में शामिल था। अफरान और जिबरान ए ग्रेड के आतंकी थे। मैं सदन को बताना चाहता हूं, ‘जिन्होंने बसरान घाटी में हमारे 26 लोगों की हत्या की, वे तीनों आतंकी मारे गए।’
अमित शाह ने कहा कि मारे गए आतंकियों की पहचान 4 लोगों ने की है, जो इस घटना के शिकार हुए थे। आतंकियों को पनाह देने वाले दो मददगारों को भी गिरफ्तार किया गया है। सशस्त्र बलों को कार्रवाई की पूरी छूट दी गई है। सेना ने आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। अमित शाह ने कहा कि 22 मई को आईबी को मानवीय खुफिया जानकारी मिली थी कि दाचीगाम इलाके के अंदर आतंकियों की मौजूदगी देखी गई है। शाह ने कहा, ‘हमने सुरक्षा बैठक में फैसला लिया था कि ये हत्यारे पाकिस्तान भाग नहीं पाएंगे।’
आतंकियों से बरामद हथियारों की जांच से भी पुष्टी
उन्होंने कहा कि पूरी जांच के बाद इस बात की पुष्टि हुई है कि इन्हीं तीनों आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम की बेसरान घाटी में 26 निर्दोष लोगों की हत्या की थी। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना ने यह कार्रवाई की। आतंकवादियों के पास से तीन राइफलें बरामद की गईं। आतंकवादी सुलेमान, जिबरान और अफजल मारे गए।
पहलगाम में जिन राइफलों से हमला किया गया था, वे भी आतंकवादियों के पास से बरामद कर ली गई हैं। आतंकवादियों के पास से एम9 अमेरिकी राइफलें और दो एके-47 बरामद की गई हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के पास से बरामद कारतूसों की पुष्टि वैज्ञानिकों ने की है।
चीन के एप ने दिया पाकिस्तान को धोखा
सोमवार को श्रीनगर के निकट पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें से एक सुलेमान उर्फ आसिफ था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुख्य योजनाकार माना जाता है। इसके अलावा, यासिर और अबू हमजा भी इस मुठभेड़ में ढेर हुए। ये सभी आतंकवादी पाकिस्तान के निवासी थे।
हाल ही में आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय सुरक्षा बलों को दाचीगाम के जंगलों में छिपे आतंकवादियों का पता लगाने में मदद करने के लिए दो दिन पहले चाइनीज कम्युनिकेशन डिवाइस सक्रिय किए गए थे। उल्लेखनीय है कि भारत ने जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद चाइनीज एन्क्रिप्टेड ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कदम और भी महत्वपूर्ण हो गया है।
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