नई दिल्ली, 13 अक्तूबर : यहां की एक अदालत ने सोमवार को कथित आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे एवं राज्य में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए, जिससे बिहार में चुनाव से पहले मुकदमे का रास्ता साफ हो गया। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इस मामले में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के संयुक्त आरोप तय किए हैं।
यह मामला भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के संचालन का ठेका एक निजी फर्म को देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। अदालत ने लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसीए) के तहत भी आरोप तय किए हैं। हालाँकि, उन्होंने खुद को निर्दोष बताया है। इस मामले में विस्तृत आदेश का इंतजार है। इससे पहले 24 सितंबर को अदालत ने सभी आरोपियों को आरोप तय करने संबंधी आदेश के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था।
सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 और 2014 के बीच कथित तौर पर एक साजिश रची गई थी, जिसके तहत भारतीय रेलवे के बीएनआर होटल (पुरी और रांची में स्थित) को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में इसके संचालन, रखरखाव और रखरखाव की जिम्मेदारी पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दी गई।
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