अमृतसर, 29 दिसम्बर : हाल ही में एक धार्मिक समारोह के दौरान प्रसिद्ध पंजाबी गायक जसबीर जस्सी द्वारा गाए गए शबद और कीर्तन को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
पूर्ण सिख ही कर सकता है गुरबाणी
जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने स्पष्ट किया कि सिख आचार संहिता में स्पष्ट रूप से लिखा है कि गुरु साहब की उपस्थिति में कीर्तन केवल एक सिख ही कर सकता है, कोई ‘अपवित्र’ सिख नहीं। उनके अनुसार, कीर्तन करने का अधिकार और अभ्यास केवल उसी व्यक्ति को होना चाहिए जो सच्चा सिख हो और श्री गुरु ग्रंथ साहब की शिक्षाओं के अनुसार आचरण करता हो।
धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन
जत्थेदार ने कहा कि धार्मिक आयोजनों में परंपराओं का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। शिष्टाचार का कोई भी उल्लंघन सिख धर्म के विरुद्ध माना जाएगा। जत्थेदार ने इस बात पर जोर दिया कि सभी के लिए नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। जसबीर जस्सी के कीर्तन का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
सामाजिक प्रतिक्रिया और विरोध
कुछ प्रशंसकों ने जस्सी के इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे धार्मिक भावनाओं और सांस्कृतिक संगीत को बढ़ावा देने का कार्य बताया है, वहीं दूसरी ओर, धार्मिक विद्वानों और जत्थेदारों ने परंपरा के अनुसार कीर्तन के अधिकारों और गरिमा को बनाए रखने पर जोर दिया है।
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