November 20, 2025

काजू को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड के गठन हेतु केंद्र से संपर्क करेगी KCMA

काजू को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड...

मंगलुरु (कर्नाटक), 18 नवम्बर : कर्नाटक काजू निर्माताओं का संघ (KCMA) देश-विदेश में काजू को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही बैठक कर एक बोर्ड का मसौदा तैयार करेगा और इस संबंध में राज्य तथा केंद्र सरकार से संपर्क करेगा। तीन दिवसीय काजू शताब्दी शिखर सम्मेलन के दौरान KCMA के अध्यक्ष ए. के. राव ने बताया, “जल्द ही KCMA के पदाधिकारी बैठक कर बोर्ड के स्वरूप पर चर्चा करेंगे और एक प्रस्ताव तैयार कर सरकार से मिलेंगे।”

उन्होंने कहा, “इस बोर्ड के लिए केवल सरकार ही नहीं, बल्कि काजू उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों का सहयोग आवश्यक है। हालांकि, सरकार के सहयोग के बिना हम कुछ नहीं कर सकते। काजू उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए बोर्ड आज के समय की ज़रूरत है।”

विदेशी फल और मेवों को भारत में बढ़ावा देने वाली कंपनी S. S. Associates के सुमित सरन ने कहा कि काजू को प्रोत्साहन देने के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड ज़रूरी है, जो पेशेवर तरीके से काम करे। बोर्ड की पहली ज़िम्मेदारी संसाधन जुटाने की होगी।

सरन ने कहा, “चिली का अखरोट पूरी दुनिया में सबसे प्रसिद्ध है। आज भारत के अखरोट बाज़ार में अकेले चिली के अखरोट का हिस्सा लगभग 60 प्रतिशत तक पहुँच गया है।” उन्होंने बताया कि दिलचस्प बात यह है कि चिली का अखरोट उद्योग केवल 25 वर्ष पुराना है और प्रोत्साहनों की बदौलत आज दुनिया भर में अपना स्थान बना चुका है।

इसी तरह कैलिफ़ोर्निया का पिस्ता और बादाम—इन सभी को इनके बोर्ड ने वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित किया है। पिछले 5–7 वर्षों में भारत में पिस्ते की खपत 9,000 टन से बढ़कर 50,000 मीट्रिक टन तक पहुँच गई है।”