लखनऊ, 31 अगस्त : 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण है। इससे 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होगा और 1:27 बजे तक रहेगा। ग्रहण की अवधि 3 घंटे 30 मिनट की होगी। देश के साथ-साथ यह ग्रहण एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत व अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाएगा और मंदिरों के कपाट भी बंद हो जाएंगे।मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने बताया कि सभी के कल्याण की प्रार्थना के साथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि चंद्र ग्रहण के दिन सूतक काल में कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। घर में रखी खाद्य सामग्री में कुश या तुलसी के पत्ते रखने चाहिए, ताकि खाद्य सामग्री अशुद्ध न हो। गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
इन बातों को ध्यान में रखें.
आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं या पौधों को छूने से बचना चाहिए। यात्रा करने से बचना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान कैंची, चाकू, सुई आदि का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर गोबर या गेरू नहीं लगाना चाहिए। उन्हें ग्रहण देखने से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान भोजन या जल ग्रहण न करें। ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करें।
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