चंडीगढ़, 22 दिसंबर : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार बाल भिक्षा जैसी गंभीर सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। इसी कड़ी में सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि मोहाली जिले में पिछले तीन दिनों के दौरान 31 भिक्षा मांगते बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, जो जीवनजोत मुहिम की एक बड़ी सफलता है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि 17 अगस्त से अब तक मोहाली जिले में कुल 68 भिक्षा मांगते बच्चों को बचाया जा चुका है। इसके साथ ही मोहाली राज्य में सबसे अधिक बच्चों का रेस्क्यू करने वाला जिला बन गया है।
बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास पर पूरा ध्यान
मंत्री ने जानकारी दी कि जिला बाल कल्याण समिति द्वारा दस्तावेजों की जांच के बाद तीन बच्चों को उनके अभिभावकों के हवाले कर दिया गया है, जबकि शेष 28 बच्चों को जांच पूरी होने तक बाल गृहों में रखा गया है। वहां उनके रहने, खाने-पीने और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई है।
राज्य भर में 807 बच्चों को मिला नया अवसर
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अब तक पूरे पंजाब में 807 भिक्षा मांगते बच्चों को रेस्क्यू कर पुनर्वास प्रक्रिया से जोड़ा गया है। यह मान सरकार की बाल हितैषी और संवेदनशील नीति का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जीवनजोत मुहिम केवल रेस्क्यू तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों को सड़क से स्कूल और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाने की एक व्यापक पहल है। रेस्क्यू के बाद बच्चों की स्वास्थ्य जांच, काउंसलिंग, शिक्षा और पारिवारिक पुनर्वास को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि कोई भी बच्चा दोबारा भिक्षा मांगने को मजबूर न हो।
बाल भिक्षा और तस्करी पर सख्त चेतावनी
मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति या गिरोह बाल भिक्षा या बाल तस्करी में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ. बलजीत कौर ने प्रदेशवासियों से अपील की कि बाल भिक्षा को खत्म करने में सरकार का सहयोग करें।
यदि कहीं कोई बच्चा भिक्षा मांगता दिखाई दे, तो भिक्षा देने के बजाय चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर तुरंत सूचना दें, ताकि हर बच्चा भीख नहीं, बल्कि शिक्षा और सम्मानजनक जीवन की ओर बढ़ सके।
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