चंडीगढ़, 29 नवम्बर : पंजाब सरकार ने हड़ताल में शामिल अस्थायी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। पंजाब रोडवेज के हड़ताली अस्थायी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन पीआरटीसी में कार्यरत कर्मचारियों को दोपहर 2 बजे तक काम पर लौटने का समय दिया गया है। साथ ही कहा गया है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएँगी।
इस समय लगभग 9000 कर्मचारी अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। गौरतलब है कि कल कुछ कर्मचारियों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की थी, जिसके बाद सरकार ने सख्ती दिखाई है।
कच्चे कर्मचारियों के समर्थन में उतरे किसान
पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी और पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की हड़ताल शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही, जिसके चलते राज्य भर में बसों के पहिए थम गए हैं। बसें बंद होने से आम यात्रियों की परेशानियाँ लगातार बढ़ रही हैं। सड़कों पर निजी वाहनों और ऑटो रिक्शा की संख्या बढ़ गई है। वहीं, आज यूनियन के समर्थन में किसान भी पहुँच गए हैं।
सुबह से ही लोग बस स्टैंड और सड़कों पर भटकते नजर आए, लेकिन बस सेवाएं बंद होने से उन्हें महंगे किराए पर निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा। संविदा कर्मचारियों ने सरकार पर पुराने आदेशों को लागू न करने और वेतन ढांचे में सुधार न करने का आरोप लगाते हुए अपनी हड़ताल जारी रखी है।
पंजाब रोडवेज को करोड़ों का नुकसान
हड़ताल के कारण पंजाब रोडवेज़ को रोज़ाना करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। सड़कों पर अव्यवस्था और यातायात का दबाव भी बढ़ गया है। जानकारों का यह भी कहना है कि अगर हड़ताल लंबे समय तक जारी रही, तो कर्मचारियों के वेतन और अन्य सेवा लाभों पर भी असर पड़ सकता है।
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