नई दिल्ली, 24 सितंबर : केंद्र सरकार ने आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को ज़िम्मेदारी सौंपी है। यह कदम आपदाओं की निगरानी, पूर्व चेतावनी, रोकथाम, शमन और तैयारियों के लिए उठाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य आपदाओं के दौरान जान-माल की हानि और क्षति को न्यूनतम करना है।
रक्षा मंत्रालय को सौंपी ज़िम्मेदारी
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, हिमस्खलन और तेल रिसाव जैसी आपदाओं की ज़िम्मेदारी अब रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई है। वहीं, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय शीत लहर, चक्रवात, भूकंप, लू, बिजली, सुनामी, ओलावृष्टि और भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं की अग्रिम चेतावनी देगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय प्राकृतिक आपदाओं से संबंधित मामलों को देखेगा। किसान कल्याण मंत्रालय को पाला, शीत लहर, सूखा, ओलावृष्टि और कीटों के हमले जैसी आपदाओं से निपटने की ज़िम्मेदारी दी गई है। जल शक्ति मंत्रालय को बाढ़ और हिमनदी झील के फटने की स्थिति में कार्रवाई करने का काम सौंपा गया है, जबकि आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय शहरी बाढ़ से संबंधित मामलों को देखेगा।
खनन मंत्रालय भूस्खलन की स्थिति में कार्रवाई करेगा
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय जंगल की आग, औद्योगिक और रासायनिक आपदाओं से निपटेगा। खनन मंत्रालय भूस्खलन की स्थिति में कार्रवाई करेगा, जबकि परमाणु ऊर्जा विभाग परमाणु और विकिरण आपात स्थितियों को देखेगा। अधिसूचना के अनुसार, संबंधित मंत्रालयों को अब आपदा निगरानी, पूर्व चेतावनी, रोकथाम, शमन, तैयारी और क्षमता निर्माण की ज़िम्मेदारी दी गई है।
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