November 20, 2025

छोटी गलतीयों पर नहीं चलेगा मुकद्दमा, अदालतों का बोझ घटाने की कवायद

छोटी गलतीयों पर नहीं चलेगा मुकद्दमा...

चंडीगढ़, 2 नवम्बर : हरियाणा में अब छोटी-छोटी गलतियों के लिए अदालतों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राज्य सरकार ने जनता को राहत देने और अदालतों पर बोझ कम करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। 17 विभागों से संबंधित 42 अधिनियमों में संशोधन कर 164 प्रकार की वस्तुओं को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है।

अगर कोई व्यक्ति सड़क किनारे जानवर बांधने, सार्वजनिक स्थान पर कपड़े धोने या नगर निगम की पाइपलाइन को नुकसान पहुँचाने जैसी छोटी-मोटी गलती करता है, तो उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। आरोपी को चेतावनी देकर या मामूली जुर्माना लगाकर मामला खत्म कर दिया जाएगा। अभी तक इन मामलों में एफआईआर दर्ज करके कोर्ट में केस चलता था। आरोपी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारी मौके पर ही सुनवाई करेंगे और उचित जुर्माना लगाकर मामले का निपटारा करेंगे।

पहली बार 1000 और दूसरी बार 1 लाख रुपये का जुर्माना

पहली बार अपराध करने पर चेतावनी, चालान या जुर्माना होगा, जबकि दोबारा अपराध करने पर जुर्माना या अर्थदंड लगाया जाएगा। सरकार ने अपराध की गंभीरता के आधार पर जुर्माने की राशि तय की है। सड़क पर या सार्वजनिक स्थान पर कपड़े धोने, सार्वजनिक स्थानों पर जानवर बांधने, बिना अनुमति के बाजार में सामान बेचने, नगर निगम की नालियों या सीवर लाइनों को नुकसान पहुँचाने, कुत्तों को खुला छोड़ने या नगर निगम के आदेशों का उल्लंघन करने पर 500 रुपये का जुर्माना तय किया गया है।

नहर तैरकर पार करने पर 1000 रुपये का जुर्माना या छह महीने की जेल होगी। दोबारा ऐसा करने पर जुर्माना एक लाख रुपये तक हो जाएगा। अपराधियों की मदद करने या तलाशी में बाधा डालने पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद जलाऊ लकड़ी बेचने पर भी 50,000 रुपये का जुर्माना तय किया गया है। ज्वलनशील पदार्थों का अनुचित भंडारण, सफाई कर्मचारियों की बिना जानकारी के अनुपस्थिति और नगर निगम के आदेशों का उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना होगा।

ग्राम सभा की बैठकों में 40 प्रतिशत सदस्यों की उपस्थिति पर्याप्त है

राज्य सरकार ने पंचायत व्यवस्था में सुधार के लिए भी एक बड़ा फैसला लिया है। राज्यपाल ने हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अधिनियम-2025 को मंजूरी दे दी है। अब ग्राम सभा की बैठकों में 40 प्रतिशत सदस्यों की उपस्थिति पर्याप्त मानी जाएगी। यदि बैठकें स्थगित होती हैं, तो पहले स्थगन में 30 प्रतिशत और दूसरे स्थगन में 20 प्रतिशत उपस्थिति होने पर बैठक वैध मानी जाएगी।

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