December 21, 2025

न्यूजीलैंड में नगर कीर्तन विरोध विश्व समुदाय के लिए चुनौती : एडवोकेट धामी

न्यूजीलैंड में नगर कीर्तन विरोध: विश्व समुदाय...

अमृतसर, 21 दिसम्बर : न्यूजीलैंड में सिखों द्वारा शांतिपूर्वक और धार्मिक मर्यादा के अनुसार आयोजित नगर कीर्तन का कुछ स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया। इस पर श्रीमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय की धार्मिक परंपराओं को नफरत की दृष्टि से देखना निंदनीय है। एडवोकेट धामी ने बताया कि सिख धर्म की नींव “सर्बत का भला”, भ्रातृभाव और मानवता की सेवा पर आधारित है।

नगर कीर्तन समाज में आपसी साझा, प्रेम और एकता का संदेश देती है। उनका कहना है कि इस प्रकार के धार्मिक समारोहों का विरोध गुरु साहिबान के सर्व-साझा संदेश पर सीधा प्रहार है।

सिख धर्म की पवित्र परंपरा पर हमला

धामी ने कहा कि दुनिया भर में रहने वाले सिख हमेशा स्थानीय लोगों के साथ मिलकर रहते हैं और हर देश के कानूनों और संस्कृति का सम्मान करते हैं। सिख समारोहों के दौरान लंगर और निश्काम सेवा के माध्यम से मानवता की भलाई का संदेश दिया जाता है, जिससे सामाजिक साझेदारी मजबूत होती है।

न्यूज़ीलैंड और भारत सरकारों से अपील

एडवोकेट धामी ने न्यूज़ीलैंड और भारत की सरकारों से अपील की कि वे सिख समुदाय को अपने धार्मिक अधिकारों के अनुसार समारोह करने के लिए सुरक्षित और सहयोगी माहौल उपलब्ध कराएँ। उन्होंने ज़ोर दिया कि धार्मिक स्वतंत्रता और आपसी सम्मान ही किसी भी बहुसांस्कृतिक समाज की असली पहचान होती है। धामी ने न्यूज़ीलैंड के सिख नेताओं से अपील की कि वे सरकार और विरोध करने वाले लोगों के साथ बैठकर विचार-विमर्श करें।

भारतीय नेताओं की चिंता

उन्होंने कहा कि गुरु उपदेशों की राह में ही इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाना चाहिए और तनावपूर्ण माहौल से बचना चाहिए। सीनियर कांग्रेसी नेता भगवंत पाल सिंह सच्चर ने कहा कि यह घटना विदेशों में रहने वाले करोड़ों सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। उन्होंने ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले का तुरंत गंभीर नोटिस लेना चाहिए और न्यूज़ीलैंड सरकार से बातचीत करनी चाहिए, ताकि विदेशों में रहने वाले सिख असुरक्षित महसूस न करें।

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