October 6, 2025

खूबसूरत झीलों का शहर है नैनीताल, घूमने की कौन-कौन सी जगहें हैं मशहूर

खूबसूरत झीलों का शहर है नैनीताल...

नैनीताल, 15 जून : उत्तराखंड राज्य में स्थित एक सुंदर पर्वतीय स्थल है, जो समुद्र तल से लगभग 2,084 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है। यह “झीलों के शहर” के नाम से जाना जाता है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ठंडी हवा और शांत वातावरण की वजह से नैनीताल पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक स्थान है।

नैनी झील

यह झील शक्ति पीठों में से एक मानी जाती है। मान्यता है कि जब माता सती की आंखें यहाँ गिरी थीं, तो यह स्थान “नैनी” (आंखें) कहा जाने लगा। इसी से “नैनीताल” नाम पड़ा।
यहाँ लोग बोटिंग और पैडल बोटिंग का आनंद लेते हैं। बोटिंग का किराया ₹100 से ₹150 तक होता है। शाम के समय झील के किनारे का नज़ारा बहुत सुंदर होता है। झील के पास ही बाजार भी है जहाँ से शॉपिंग की जा सकती है।

नैना देवी मंदिर

यह मंदिर माता सती की आंखें गिरने की कथा से जुड़ा है। इसका निर्माण 15वीं सदी में हुआ था, लेकिन 1880 के भूकंप में यह नष्ट हो गया। बाद में इसे फिर से बनाया गया। यहाँ दर्शन करने से आस्था और शांति का अनुभव होता है।

मुस्लिम जामा मस्जिद

यह मस्जिद नैनीताल शहर में स्थित है और मुस्लिम समुदाय की प्रमुख धार्मिक जगह है। यह दरगाह बाज़ार में, झील के पास एक ऊँचाई वाले स्थान पर बनी हुई है।
यह मस्जिद ब्रिटिश शासनकाल में बनाई गई थी और इसकी बनावट मुगल और पहाड़ी शैली का सुंदर मेल है। इसकी सफेद इमारत, गुंबद और मीनारें देखने लायक हैं। यह स्थान कप्तान डोरोथी केल्थी की स्मृति में बनाया गया था। यहाँ से नैनीताल शहर का पूरा दृश्य दिखाई देता है। बहुत सुंदर व्यू पॉइंट है।

सनसेट पॉइंट

यह नैनीताल के सबसे पुराने पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ से हिमालय के मनोरम दृश्य देखे जा सकते हैं। यहाँ पहुँचने के दो तरीके हैं: केबल कार (किराया ₹350 प्रति व्यक्ति) या छोटी कार द्वारा

भीमताल और नौकुचियाताल झीलें

इन झीलों के नाम महाभारत के भीम और अन्य पौराणिक कथाओं से जुड़े हैं। ये स्थल नैनीताल से कुछ किलोमीटर दूर हैं। यहाँ भी बोटिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स का मज़ा लिया जा सकता है। प्रकृति का अलग ही आनंद इन झीलों पर मिलता है।

पर्यटकों को आने वाली समस्याएँ

  1. ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या: गर्मियों में हज़ारों पर्यटक आते हैं जिससे सड़कों पर भारी भीड़ हो जाती है। पार्किंग की जगहें कम हैं और स्थानीय पुलिस ज़्यादा सहयोग नहीं करती, जिससे परेशानी होती है।
  2. साफ़-सफ़ाई की कमी: पर्यटकों की संख्या बढ़ने के कारण कूड़ा-कचरे का प्रबंधन सही नहीं हो पाता, जिससे झील और शहर गंदे हो जाते हैं।
  3. महंगाई में वृद्धि: पर्यटकों के आगमन से खाने-पीने और रहने की कीमतें बहुत बढ़ जाती हैं, जिससे स्थानीय लोग प्रभावित होते हैं।
  4. पानी और बिजली की कमी: पर्यटन सीज़न में इनकी माँग बढ़ जाती है जिससे आपूर्ति बाधित होती है।

नैनीताल घूमने का सही समय अगस्त से मार्च तक होता है, क्योंकि इन महीनों में भीड़ कम होती है, होटल और परिवहन सस्ते मिलते हैं और ट्रैफिक जाम भी नहीं होता। इन दिनों में आप नैनीताल की असली खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।

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