नई दिल्ली, 25 जुलाई : यूक्रेन-रूस युद्ध जैसे-जैसे पुराना होता जा रहा है, और भी भीषण होता जा रहा है। अब तक रूसी हवाई हमलों का शिकार हो रहा यूक्रेन अब यूरोप की मदद से मास्को पर हमला कर रहा है। युद्ध का असली खेल अभी बाकी है। दरअसल, यूरोपीय देश जर्मनी ने कमांडो कॉकरोच को युद्ध के मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है। बेशक, यह अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन आने वाले समय में यह दुनियां का सबसे हाईटेक हथियार बनने वाला है।
जर्मन कंपनी ने बनाया कॉकरोच रोबोट
यह उपलब्धि म्यूनिख स्थित स्टार्टअप हेलसिंग ने हासिल की है। यह वही कंपनी है जो युद्ध के लिए ड्रोन बनाती है। यह यूरोप का सबसे मूल्यवान रक्षा स्टार्टअप बन गया है। इसके सह-संस्थापक गुंडबर्ट शेर्फ ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने यूरोप की रक्षा नीति को बदल दिया है। अब जर्मन रक्षा क्षेत्र ऐसे बायो-रोबोट विकसित कर रहा है जो बिल्कुल विज्ञान कथा जैसे हैं।
कॉकरोच करेंगे निगरानी का काम
इस कंपनी से जुड़े स्टार्टअप स्वार्म बायोटिक्स ने इसी कड़ी में एक खास तरह का कॉकरोच बनाया है, जो निगरानी का काम करेगा। इसके पास एक बैकपैक होगा, जिसमें जासूसी उपकरण होंगे। इसमें कैमरे, सेंसर और रेडियो ट्रांसमीटर लगे हैं। यह दुश्मन की वास्तविक स्थिति के बारे में बता सकेगा।
खास बात यह है कि इन कॉकरोच को काफी दूरी से ऑपरेट किया जा सकेगा। इन्हें अकेले भी भेजा जा सकता है और बड़े समूह में भी। इनमें युद्ध की दिशा और स्थिति बदलने की ताकत है। ये दुश्मन की नजरों से बचकर उसके इलाके में घुसकर कोई भी जानकारी आसानी से जुटा सकते हैं। रॉयटर्स ने कंपनी के सीईओ स्टीफन विल्हेम के हवाले से लिखा है कि यह तकनीक आने वाले समय में युद्ध के नियमों को बदल देगी।
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