नई दिल्ली, 18 जुलाई : बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान जब लोन देते हैं तो सबसे पहले आवेदक का क्रेडिट स्कोर देखते हैं। क्रेडिट स्कोर के लिए सिबिल पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन अब यह निर्भरता खत्म होने वाली है। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सभी सरकारी और निजी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को जल्द से जल्द यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) प्लेटफॉर्म से जुड़ने का निर्देश दिया है।
सभी वित्तीय संस्थानों को कर्ज देने में यूएलआई के इस्तेमाल के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करने को कहा गया है। डीएफएस ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के प्रबंध निदेशकों और सीईओ से मासिक आधार पर यूएलआई के कार्यान्वयन की समीक्षा करने को भी कहा है। जिन संस्थानों ने यूएलआई से जुड़ने की पहल नहीं की है, उन्हें जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
सभी बैंकों को दिए निर्देश
इस संबंध में डीएफएस सचिव एम. नागराजू और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें 12 सरकारी बैंकों, 18 निजी बैंकों, तीन स्मॉल फाइनेंस बैंकों और छह एनबीएफसी के एमडी और सीईओ मौजूद थे। गौरतलब है कि क्रेडिट स्कोर मापने के लिए 25 साल पहले क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL) की स्थापना की गई थी। CIBIL स्कोर केवल उन्हीं लोगों का पता लगाया जा सकता है जिन्होंने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण लिया है और जो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। अब पहली बार ऋण लेने वालों का भी क्रेडिट स्कोर आसानी से पता चल जाएगा।
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