November 20, 2025

दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में सिर्फ भारतीय शहर शामिल

दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में...

नई दिल्ली, 2 नवम्बर : उत्तर भारत के कई बड़े और छोटे शहरों में वायु गुणवत्ता “गंभीर” और “खतरनाक” श्रेणी में पहुँच गई है। इस बार दिल्ली 13वें स्थान पर खिसक गई है। राजस्थान का श्रीगंगानगर, हरियाणा का सिवानी और पंजाब का अबोहर जैसे छोटे शहर इस बार दिल्ली से आगे निकल गए हैं। इससे साफ़ ज़ाहिर है कि प्रदूषण अब सिर्फ़ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उत्तरी मैदानी इलाकों तक भी फैल गया है।

कौन से शहर सबसे अधिक प्रदूषित हैं?

श्री गंगानगर में खतरनाक AQI 830 दर्ज किया गया। ऐसा खेतों में पराली जलाने से उत्पन्न धुएं, रेगिस्तानी धूल और हवा की कमी के कारण हुआ, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया।

हरियाणा के सिवानी में भी AQI 644 दर्ज किया गया। वहाँ भी पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाले धुएं और आस-पास की फैक्ट्रियों के कारण प्रदूषण बढ़ा। गौरतलब है कि सर्दियों की शुरुआत में हवाएँ थम जाती हैं, जिससे धूल और धुएँ का स्तर कम रहता है।

हरियाणा और पंजाब की स्थिति भी खराब है

पंजाब के अबोहर में AQI 634 दर्ज किया गया। पराली का धुआँ, कच्ची सड़कों से धूल और कारखानों का प्रदूषण लोगों का दम घोंट रहा है। साँस संबंधी बीमारियाँ बढ़ रही हैं। हरियाणा के चरखी दादरी में AQI 448 दर्ज किया गया, जिससे इस इलाके में भी साँस लेना मुश्किल हो गया है।

इस बीच, हरियाणा के हिसार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 477 तक पहुँच गया। वाहनों से निकलने वाला धुआँ, निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल और आस-पास के खेतों में पराली जलाने से हवा प्रदूषित हो रही है। बारिश और हवा की कमी ने प्रदूषण को नियंत्रित रखा है।

राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दम घुट रहा है

चूरू का AQI 456 था। रेगिस्तानी धूल, वाहनों के धुएँ और पराली जलाने से रेतीले इलाके में हालात और बिगड़ गए हैं। उत्तर प्रदेश के नंगली बेहरामपुर में AQI 438 दर्ज किया गया, जबकि भिवानी का AQI 437 रहा।

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