नई दिल्ली, 7 अक्तूबर : पाकिस्तान को एक और झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीरी महिलाओं का ज़िक्र करने पर भारत ने तीखा पलटवार किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पड़ोसी देश की ओर से बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान अभी भी भ्रम में जी रहा है। यूएनएससी में महिलाओं की शांति और सुरक्षा पर बहस तब शुरू हुई जब पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। भारत की ओर से बोलते हुए पर्वतनेनी हरीश ने कहा, “दुर्भाग्य से, हर साल हमें अपने देश, खासकर जम्मू-कश्मीर के खिलाफ पाकिस्तान की भ्रामक बातें सुननी पड़ती हैं।”
भारत ने पाकिस्तान को दिखाया आईना
हरीश ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा कि पड़ोसी देश दुनिया को गुमराह कर रहा है। हरीश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि यह वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया था और अपनी ही सेना द्वारा 4 लाख से ज़्यादा महिलाओं के सामूहिक बलात्कार और नरसंहार को मंज़ूरी दी थी। दुनिया पाकिस्तान के दुष्प्रचार को अच्छी तरह समझती है।
पाकिस्तान ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी मिशन की सदस्य साइमा सलीम की टिप्पणियों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सलीम ने कहा, “कश्मीरी महिलाएं दशकों से पीड़ित हैं। उन्हें युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है और उन्होंने वर्षों तक यौन हिंसा सहन की है।”
ऑपरेशन सर्चलाइट क्या था?
पाकिस्तानी सेना ने बंगाली राष्ट्रवादी आंदोलन को दबाने के लिए बांग्लादेश में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया। इस अभियान के दौरान, सेना ने 3,00,000 से ज़्यादा बंगालियों को मार डाला।
4,00,000 से ज़्यादा महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार और नरसंहार भी किया गया। ऑपरेशन सर्चलाइट के दौरान, पाकिस्तानी सेना की क्रूरता से बचने के लिए 1 करोड़ से ज़्यादा बंगाली शरणार्थी बांग्लादेश से भारत आ गए।
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