नई दिल्ली, 4 अक्तूबर : इस साल दशहरे के दौरान सोने की चमक फीकी पड़ गई, जिससे बिक्री में 25 प्रतिशत की गिरावट आई। शारदीय नवरात्रि, दुर्गा पूजा और दशहरा हिंदुओं के लिए पवित्र समय माने जाते हैं और यही वह समय होता है जब लोग महत्वपूर्ण खरीदारी करते हैं। नवरात्रि के दौरान टीवी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और कारों की बिक्री अच्छी रही, लेकिन दशहरा सोने के व्यापारियों के लिए निराशाजनक रहा।
सोने की बिक्री में 25% की गिरावट
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, इस साल दशहरा के दौरान सोने के आभूषणों और बुलियन की कुल बिक्री केवल 18 टन रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 24 टन थी। इस प्रकार, मांग में लगभग 25 प्रतिशत की गिरावट आई।
बिक्री में गिरावट क्यों आई?
आईबीजेए के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि सोने की बिक्री में गिरावट की मुख्य वजह इसकी ऊँची कीमतें हैं। इस साल दशहरे पर 24 कैरेट सोने की कीमत 1.16 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जो पिछले साल दशहरे पर 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की तुलना में 48 प्रतिशत ज़्यादा है। इसके अलावा, ग्राहकों को सोने पर 3 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है और ज्वैलर्स आभूषणों के डिज़ाइन के आधार पर 15 से 30 प्रतिशत मेकिंग शुल्क भी लेते हैं। इन ऊँची कीमतों ने कई ग्राहकों को नई खरीदारी से दूर रखा है।
ग्राहकों के बदलते रुझान
सुरेंद्र मेहता ने यह भी बताया कि इस बार ग्राहक नया सोना खरीदने से ज़्यादा पुराना सोना बदल रहे हैं। हालाँकि, कई ग्राहकों ने अभी से सोना खरीदना शुरू कर दिया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि कीमतें इस स्तर से जल्द नीचे नहीं आएंगी। आने वाले धनतेरस, दिवाली और शादियों के सीज़न के लिए अभी से ऑर्डर बुक हो रहे हैं।
आईबीजेए के अनुसार, शनिवार सुबह 10 बजे 24 कैरेट सोने की कीमत 116,833 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जबकि चांदी (999) 135,010 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इस प्रकार, इस साल दशहरा की कीमतों ने सोने की चमक फीकी कर दी थी, लेकिन उम्मीद है कि आगामी त्योहारी सीजन में मांग फिर से बढ़ेगी।
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