चंडीगढ़, 18 जून : चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में मेट्रो चलाने का सपना पूरा होने की बजाय टल गया है। अब इस प्रोजेक्ट का इंतजार और भी लंबा हो गया है। जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट के लिए तैयार की गई रिपोर्ट में कई कमियां पाए जाने के बाद कंसल्टेंट राइट्स लिमिटेड (राइट्स) को दोबारा रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मंगलवार को चंडीगढ़ प्रशासन, पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों और राइट्स कंपनी के अधिकारियों के बीच बैठक हुई।
मेट्रो चलने में लगेगा समय
इस दौरान राइट्स ने मेट्रो प्लान, लागत, भविष्य में कितने लोग सफर करेंगे, ट्रेन कैसे चलेगी, बिजली कहां से आएगी, रूट कैसा होगा, इस पर कितना खर्च आएगा और पैसे कैसे जुटाए जाएंगे, इन सब पर रिपोर्ट तो दी, लेकिन कई अहम बातें रिपोर्ट में नहीं थीं। इसे लेकर प्रशासन ने राइट्स को साफ कह दिया है कि जब तक रिपोर्ट में सभी जरूरी बातें नहीं जुड़ जातीं, तब तक मेट्रो प्रोजेक्ट पर आगे कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। इसलिए राइट्स को अब पूरी रिपोर्ट दोबारा सौंपनी होगी।
यात्रा को आसान बनाने के लिए बनाई जा रही परियोजना
यह मेट्रो प्रोजेक्ट चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के लोगों के लिए बनाया जा रहा है ताकि यात्रा आसान और तेज हो सके। नवंबर 2024 में चंडीगढ़ प्रशासन और पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इस प्रोजेक्ट की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई थी। यह समिति इस बात पर गौर कर रही है कि मेट्रो बनाना कितना फायदेमंद और जरूरी है।
जनवरी और फरवरी में दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन रिपोर्ट में अनियमितताओं के कारण इस पर फैसला फिलहाल टाल दिया गया है। अब जब रिपोर्ट सही तरीके से आएगी, तभी आगे की योजना बनाई जाएगी। फिलहाल मेट्रो का सपना आपको और इंतजार करवाएगा।

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