November 20, 2025

सीनेट को लेकर पीयू बना राजनीति का अखाड़ा, लोकसभा में गूंजेगा मामला

सीनेट को लेकर पीयू बना राजनीति का...

चंडीगढ़, 5 नवम्बर : पंजाब विश्वविद्यालय में सीनेट को लेकर शुरू हुआ विवाद अब पंजाब की राजनीति में एक नया समीकरण रच रहा है। केंद्र सरकार द्वारा विश्वविद्यालय सीनेट की संख्या कम करने के फैसले ने पंजाब की राजनीति में एक नई जंग छेड़ दी है। अब यह मुद्दा अकादमिक सीमाओं तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि राज्य की राजनीति का केंद्र बनता जा रहा है।

केंद्र के इस फैसले का विरोध करने मंगलवार को कई बड़े नेता पीयू पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सिमरनजीत सिंह मान, बलबीर सिंह राजेवाल और डॉ. डीपीएस रंधावा समेत कई नेताओं ने अपना विरोध जताया। विरोध के इस आंदोलन को संगठित रूप देने के लिए ‘पंजाब बचाओ मोर्चा’ का गठन किया गया है। नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार एक साजिश के तहत पंजाब विश्वविद्यालय को पंजाब से अलग करने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

हम पीयू को छीनने नहीं देंगे, यह पंजाब का गौरव है: मान

इस अवसर पर सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि पंजाब की एकमात्र यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए छात्रों का संघर्ष पूरी तरह जायज़ है। उन्होंने केंद्र सरकार पर लिखित निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस दिल्ली यूनिवर्सिटी की तरह पंजाब यूनिवर्सिटी पर भी कब्ज़ा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन पंजाब अपनी यूनिवर्सिटी किसी को नहीं देगा। उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी सिर्फ़ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि पंजाब के इतिहास का प्रतीक है, जिसने लाहौर से चली आ रही विरासत को संजोकर रखा है।

सीनेट भंग करने की साजिश : राजेवाल

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सीनेट सदस्यों की संख्या 31 तक सीमित करना विश्वविद्यालय और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन छात्रों से हलफनामे लेकर उन पर दबाव बना रहा है और फीस वृद्धि के कारण मध्यम वर्ग के छात्रों के सपने चकनाचूर हो रहे हैं। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की साज़िश और कुलपति की लापरवाही बताया।

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