October 6, 2025

फ्रांस में राजनीतिक संकट गहराया! PM फ्रांस्वा बेरू अविश्वास प्रस्ताव हारे

फ्रांस में राजनीतिक संकट गहराया...

पैरिस, 9 सितम्बर : फ्रांस में राजनीतिक उथल-पुथल सोमवार को और गहरा गई, जब प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बेरुत की सरकार संसद में अविश्वास प्रस्ताव पारित करने में विफल रही। इस कदम से राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को दो वर्षों में अपने पांचवें प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

फ्रांस्वा बेरू (74), जो केवल नौ महीने से प्रधानमंत्री हैं, आज इस्तीफा दे देंगे। बेरू ने फ्रांस के घाटे को कम करने के लिए अपनी सरकार की 44 अरब यूरो (51.5 अरब डॉलर) की मितव्ययिता योजना के लिए समर्थन हासिल करने हेतु अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लिया था, जो यूरोपीय संघ की 3% की सीमा को दोगुना कर देगा। वर्तमान में, फ्रांस का ऋण सकल घरेलू उत्पाद का 114% है।

फ्रांस्वा बेरू ने संसद को चेतावनी दी

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बेरू ने 2025-2026 के बजट में बचत को राजकोषीय विश्वसनीयता बहाल करने के लिए आवश्यक बताया था। लेकिन विपक्षी दलों, जिनकी नज़र 2027 के राष्ट्रपति चुनाव पर है, ने उनका समर्थन करने से इनकार कर दिया। अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने से पहले, फ्रांस्वा बेरू ने संसद को चेतावनी दी, “आप मेरी सरकार को गिरा सकते हैं, लेकिन वास्तविकता को मिटा नहीं सकते।

खर्च बढ़ता रहेगा और पहले से ही असहनीय ऋण का बोझ और भी भारी और महंगा हो जाएगा।” इसके बावजूद, सांसदों ने उनकी योजना को भारी बहुमत से खारिज कर दिया।

विपक्ष अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता

विपक्षी दलों, खासकर नेशनल रैली और वामपंथी गठबंधन ने बेरू की मितव्ययिता योजना को सामाजिक कल्याण और सार्वजनिक सेवाओं पर हमला बताया है। उनका तर्क है कि इससे मध्यम और निम्न आय वर्ग को नुकसान होगा, जबकि अमीरों को कर में छूट का लाभ मिलेगा। इस असहमति को 2027 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक राजनीतिक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि विपक्ष अपनी स्थिति मजबूत करना चाहता है।

यह घटना फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता को उजागर करती है, जहाँ राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों स्थिरता और आर्थिक सुधार के बीच संतुलन बनाने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।

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